अजब-गजब: 75 साल से बगैर जल-भोजन के और बिना मल-मूत्र त्याग किये प्रह्लाद जॉनी उर्फ चुंदरी वाले माताजी का 90 की अवस्था में निधन

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नई दिल्ली।। दुनिया में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिनको लेकर आज का विज्ञानं भी असमंजस में पड़ जाता है। ऐसा ही एक मामला गुजरात का है जहाँ मेडिकल साइंस के लिए प्रह्लाद जॉनी उर्फ चुंदरी वाले माताजी पहेली बने रहे। उनका आज मंगलवार को निधन हो गया। आपको बता दें कि अहमदाबाद के अंबाजी इलाके में रहने वाले 90 वर्षीय जॉनी पिछले कुछ दिनों से कफ की शिकायत से पीड़ित थे। उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। उन्होंने मंगलवार की सुबह गांधीनगर के चरवड़ा गांव में अंतिम सांस ली।

prahalad jani upkiran

जॉनी का पार्थिव शरीर गांधीनगर से अहमदाबाद के अंबाजी स्थित उनके आश्रम में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। दो दिन बाद जॉनी के पार्थिव शरीर को समाधि दी जायेगी। गौरतलब है कि चुंदरी वाले माताजी के नाम से प्रसिद्ध जॉनी पूरी जिंदगी मेडिकल साइंस के लिए पहेली बने रहे। श्रद्धालुओं का दावा है कि 90 वर्षीय जॉनी ने 75 वर्ष से न तो कुछ खाया है, और ना ही जल ग्रहण किया। वे बगैर भोजन-पानी के जिंदा रहे।

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इन दावों के बाद अहमदाबाद के स्टर्लिंग हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से यह जानने के लिए शोध भी किया था कि कोई व्यक्ति इतने वर्ष से बगैर कुछ खाये-पिये और बिना मल-मूत्र का त्याग किये कैसे जीवित रह सकता है। लेकिन चिकित्सकों के हाथ कुछ भी नहीं लगा था। यहाँ तक कि जॉनी को 15 दिनों तक 24 घंटे कैमरे की निगरानी में भी रखा गया था।

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इस दौरान यह दावा सही भी पाया गया था। 15 दिन में एक बार भी जॉनी कुछ खाते-पीते हुए नजर नहीं आये थे। यह मानव शरीर के सिस्टम के लिहाज से किसी से चमत्कार से कम नहीं था। चिकित्सकों को उम्मीद थी कि ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है, यदि इसकी जानकारी मिल जाये तो यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ही दुर्गम स्थलों पर देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे सैनिकों के लिए बड़े काम की हो सकती है। लेकिन रिसर्च के बावजूद चिकित्सक इसका पता नहीं लगा पाये।

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