World News: विश्व भर में कई मुल्कों को अवैध शरणार्थियों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में नीदरलैंड सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कठोर आव्रजन नीतियों की घोषणा की है। ये उपाय यूरोपीय संघ के सबसे सख्त नियमों में से एक माने जा रहे हैं और शरणार्थियों के प्रवाह को रोकने के उद्देश्य से लागू किए जाएंगे। बीते कल को सत्तारूढ़ गठबंधन के कार्यक्रम में पेश किए गए इन योजनाओं में सख्त सीमा जांच, उपद्रवियों के लिए सख्त सजा, वयस्क बच्चों के परिवार पुनर्मिलन पर प्रतिबंध और निर्वासन पर जोर देने जैसी नीतियाँ शामिल हैं।
डच सरकार ने शरणार्थी आपातकाल की घोषणा की है। मंत्री मार्जोलिन फेबर ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनकी योजना अब तक की सबसे कठोर शरण नीति को लागू करने की है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में आवास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में उत्पन्न हो रही समस्याओं को संबोधित करना है। इस आपातकालीन कानून से सरकार को संसद की मंजूरी के बिना त्वरित निर्णय लेने की अनुमति मिलेगी।
सबसे ज्यादा मुस्लिमों की संख्या
विपक्ष ने इन नई नीतियों की आलोचना की है, उन्हें लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए आलोचना की है। डच काउंसिल फॉर रिफ्यूजीज ने चिंता जताई है कि शरणार्थियों को इन उपायों के कारण अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि आपातकालीन उपाय युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं के लिए होते हैं, जबकि नीदरलैंड की शरण समस्याएँ राजनीतिक विकल्पों का परिणाम हैं। संगठन ने ये भी कहा कि शरणार्थियों की संख्या अत्यधिक नहीं है और इन उपायों के बाद शरणार्थियों को देश से बाहर निकाले जाने की संभावना है, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते हैं।
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