आज विश्वभर में ‘वर्ल्ड रैबीज डे‘ (World Rabies Day) मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद रैबीज जैसे जानलेवा रोग के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2007 में हुई थी।
रेबीज एक वायरल इंफेक्शन है जो लायसा वायरस की वजह से होता है। इंसान के शरीर में यह वायरस कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने से प्रवेश करता है। यह वायरस पालतू जानवरों के चाटने या काटने से भी इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह उस वक्त शरीर में प्रवेश करता है जब व्यक्ति का खून जानवरों की लार के संपर्क में आता है। चिंता की बात यह है कि रैबीज जैसे जानलेवा रोग के लक्षण व्यक्ति में बहुत देर से पता चलते हैं। (World Rabies Day)
इंसान के शरीर को रैबीज दो प्रकार से प्रभावित करता है। रैबीज (World Rabies Day) वायरस व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में पहुंचकर दिमाग में सूजन पैदा करते हैं। ऐसा होने से व्यक्ति या तो जल्द कोमा में चला जाता है या फिर उसकी मौत हो जाती है। इसके साथ ही यह वायरस, मानव त्वचा या मांसपेशियों के संपर्क में आने के बाद रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इस वायरस के मस्तिष्क में पहुंचने के बाद, इसके लक्षण और संकेत संक्रमित व्यक्ति में नजर आने लगते हैं।
बुखार, सिरदर्द, घबराहट या बेचैनी, चिंता और व्याकुलता, भ्रम की स्थिति, खाना-पीना निगलने में कठिनाई, बहुत अधिक लार निकलना, पानी से डर लगना, अनिद्रा, एक अंग में पैरालिसिस यानी लकवा मार जाना आदि। (World Rabies Day)
यदि किसी इंसान को कुत्ते या बंदर ने काट लिया है तो शरीर के उस हिस्से को लगातार 10 से 15 मिनट तक साबुन से साफ करें। इसके बाद बिना देर किए डॉक्टर के पास जाकर 72 घंटे के भीतर इलाज करवाएं। डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई इलाज ना करें। जितना जल्दी हो सके वेक्सिन या एआरवी के टीके लगवाएं। (World Rabies Day)