योगी सरकार ने डॉक्टरों को लेकर लिया ये बड़ा फैसला, दौड़ी खुशी की लहर

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लखनऊ। योगी सरकार ने ‘संशोधित उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली-2020’ जारी कर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी होने के बाद अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती होगी।
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सीधी भर्ती आयोग के माध्यम से की जा सकेगी

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को बताया कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की कोई नियमावली नहीं थी। वर्तमान सरकार में इसकी नियमावली कैबिनेट से मंजूर होने के बाद अब जारी कर दी गई है। इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग में जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, उनकी सीधी भर्ती आयोग के माध्यम से की जा सकेगी।

एक स्तर ऊपर आ सकेंगे

इसमें भी यह विशेष व्यवस्था की गई है कि जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, जो एमडी-एमएस करते हैं, वह एक स्तर ऊपर आ सकेंगे। दरअसल एमबीबीएस के चिकित्सक पहले स्तर एल-1 पर आते हैं। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सक सीधे दूसरे स्तर अर्थात एल-2 पर आएंगे। इस स्तर पर उनको सीधे भर्ती किया जाएगा। वहीं जो सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक कार्डियोलॉजिस्ट न्यूरोलॉजिस्ट आदि हैं जो सुपर स्पेशलिस्ट हैं उनको सरकार सीधे एल-2 के स्तर पर लेगी और उसके साथ ही उनको तीन एडवांस इंक्रीमेंट भी दिए जाएंगे। इस तरह यह बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है।
कैबिनेट से पिछले सप्ताह ‘उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य नियमावली-2020’ के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। नई नियमावली में संवर्ग में कुल पदों की संख्या 19,011 पद है (इसमें 10,580 पद एमबीबीएस के तथा 8,431-विशेषज्ञों के हैं) को यथावत् बनाए रखा गया है। चिकित्सा अधिकारी, ग्रेड दो (स्तर-2) के विशेषज्ञतावार सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध पद अथवा संवर्ग में उपलब्ध विशेषज्ञ पदों की कुल संख्या का विशेषज्ञतावार विभाजन (स्तर-2 से स्तर-7 तक) किया गया है। इससे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी।

वर्तमान में चिकित्सकों के कुल 19,011 पद सृजित

शासनादेश के अनुसार चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में वर्तमान में चिकित्सकों के कुल 19,011 पद सृजित हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के 8,431 पद और एमबीबीएस चिकित्सकों के 10,580 पद सृजित हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के वर्तमान में स्वीकृत 8,431 पदों के स्थान पर केवल 2,922 पद भरे हुए हैं अर्थात 65 प्रतिशत पद (5,509 पद) रिक्त हैं।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के मुताबिक सरकार के इस निर्णय से स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी। वहीं जनता को और बेहतर इलाज मिल सकेगा।
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