लखनऊ, 18 मई| उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार एक एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली ऑनलाइन विकसित करने के लिए तैयार है, जिसमें राज्य के सभी मंदिरों के विवरण, विवरण और इतिहास के साथ-साथ पर्यटकों की सुविधा के लिए उनके मार्ग मानचित्र शामिल हैं।
धार्मिक मामलों के विभाग ने पहले ही यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक को सॉफ्टवेयर विकसित करने और अगले छह महीनों में मंदिरों के बारे में उपरोक्त विवरण अपलोड करने के लिए कहा है। वित्त विभाग द्वारा जल्द ही एक करोड़ रुपये की राशि जारी की जाएगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, धार्मिक कार्य विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभागीय कार्यों के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है, जबकि 2017-18 में 32.52 करोड़ रुपये और 2021-22 में 614.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
सरकार का अगले 100 दिनों में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर सप्लीमेंट्री प्रोजेक्ट पर काम करने का प्रस्ताव है। विभाग की योजना गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन का संचालन करने और 934.46 लाख रुपये की लागत से वैदिक विज्ञान केंद्र के दूसरे चरण के निर्माण पर भी काम करने की है।
इसके अलावा, सरकार अगले कुछ वर्षों में बुजुर्ग संतों और पुजारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक बोर्ड बनाने की योजना बना रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार के पास अगले पांच वर्षों में अयोध्या के लिए एक विस्तृत ढांचागत योजना भी है।
सरकार 63.46 करोड़ रुपये की लागत से भक्ति पथ सहित अयोध्या की मुख्य सड़कों और 35.07 करोड़ रुपये की लागत से राम जन्मभूमि पथ (सहादत गंज से सुग्रीव किला रोड तक चार लेन की 7 किलोमीटर सड़क) का निर्माण करेगी।यह 1,080 करोड़ रुपये की लागत से राम पथ के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का कार्य भी करेगा