हाथरस कांड में योगी की कुर्सी हिला उपचुनावों में कांग्रेस तलाश रही आगे की सियासी जमीन

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज की राजनीति भी अनिश्चितताओं से भरी हुई है। किसी को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल जाता है तो किसी की कुर्सी भी हिल जाती है । हाथरस कांड के बाद ऐसा ही कुछ कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बीच देखने को मिल रहा है । ‘इस घटना के बाद कांग्रेस को लगने लगा है कि उसकी सियासी जमीन मजबूत हुई है वहीं दूसरी ओर सीएम योगी के लिए खतरे की घंटी की आहट सुनाई देने लगी है’।

इन दिनों कांग्रेस पूरे जोश में है । ‘हाथरस कांड के बाद कांग्रेस पार्टी दलितों के मुद्दे पर पूरे देश भर में लंबे समय तक आग जलाए रखना चाहती है’। बिहार में विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश, यूपी के उपचुनाव को लेकर कांग्रेस भाजपा को घेरने की तैयारी में जुट गई है । इस समय कई राज्यों में उपचुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस ने भाजपा को घेरने के लिए हाथरस दलित युवती के साथ गैंगरेप और मौत का मुद्दा जोर-शोर से उठा रखा है । अभी तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने हाथरस की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।

 

इस समय कांग्रेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण मध्य प्रदेश में होने जा रहे 28 सीटों के उपचुनाव हैं । एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दलितों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । एमपी उपचुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इन चुनावों में जीत पार्टी की सत्ता में वापसी की राह बना सकती है। इसीलिए कांग्रेस उपचुनावों में दलित मतदाताओं को अपनी तरफ करना चाहती है। जिसके लिए कांग्रेस ने हाथरस कांड पर शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है । दूसरी ओर अपने आप को दलितों की मसीहा कहने वाली बसपा प्रमुख मायावती इस मुद्दे पर अभी तक सड़क पर नहीं उतर सकी हैं।


देशभर में दलितों को भाजपा के खिलाफ आक्रोश भरने में जुटी कांग्रेस—

हाथरस की घटना के बाद अचानक कांग्रेस पार्टी का सड़क पर आकर इतना सक्रिय होना पहले दिन ही संदेश दे गया था कि अब ‘राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दलित के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ लंबी पारी खेलना चाहते हैं’ । हाथरस कांड के बाद सबसे अधिक सक्रिय कांग्रेस नजर आ रही है । आज आलाकमान के आदेश के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने देश भर में हाथरस की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।

 

यहां हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी और बीएसपी की तुलना में कांग्रेस के मुख्य नेताओं, राहुल और प्रियंका का हाथरस घटना के विरोध में जमीन पर उतरना और लगातार सक्रिय रहना साफ संदेश दे रहा है कि अब कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सियासत को और तेज करेगी, कांग्रेस की कोशिश इस असर को बनाए रखने की है। शायद इसीलिए कांग्रेस हाथरस घटना को पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ अवसर के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश में है।

 

इसी के चलते कांग्रेस ने अपने नेताओं से सोमवार को देशभर के जिले और राज्य मुख्यालय में हाथरस घटना के खिलाफ सत्याग्रह का आह्वान किया । दूसरी ओर राहुल और प्रियंका चाहते हैं कि यूपी में बसपा को पछाड़कर दलितों का सबसे बड़ा चेहरा कांग्रेस बन जाए। राहुल गांधी ने अब भाजपा शासित राज्य में जाने की तैयारी भी कर ली है । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल मंगलवार को हरियाणा में जाकर हाथरस कांड का मुद्दा दलितों के बीच जोर-शोर से उठाने जा रहे हैं । इसके बाद राहुल मध्य प्रदेश के उपचुनाव में दलितों के बीच जाकर हाथरस कांड की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दे सकते हैं ।

 

एमपी में कमलनाथ को दलित कार्ड पर शिवराज सिंह चौहान को घेरने का मिला मौका–

मध्य प्रदेश में 28 सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है । ‘सबसे दिलचस्प यह है कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री के पद से हटाकर राज्य की सत्ता पर काबिज होने वाले शिवराज सिंह चौहान के लिए अब कांग्रेस कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती है’ । अभी कुछ समय पहले तक राज्य में कांग्रेस के पास भाजपा सरकार और शिवराज सिंह को घेरने के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं था लेकिन अब हथरस कांड के बाद कांग्रेस को जैसे वरदान मिल गया हो ।

‘हाथरस घटना की नाराजगी की आग धीरे-धीरे मध्य प्रदेश तक पहुंच गई है’ । एमपी में जहां 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं वहां कई सीटों पर दलित समुदाय मुख्य भूमिका में है । इस बात को कांग्रेस भली-भांति जानती है । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ‘एक तरफ भाजपा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का बढ़-चढ़ कर नारा देती है, लेकिन दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्यों में ही आज बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। चाहे यूपी के हाथरस की घटना हो या मध्य प्रदेश के खरगोन, सतना, जबलपुर , खंडवा, सिवनी, कटनी या नरसिंहपुर की घटना हो, आज हमारी बहन-बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं’। कमलनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश रेप कैपिटल बनते जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेसी शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ आज रेप कांड के विरोध में मौन धरना किया।

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