खुशखबरी : शिक्षकों की पक्की नौकरी का विधेयक पारित 

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नई दिल्ली।। कश्मीरी शिक्षकों की तर्ज पर 17 हजार अतिथि-शिक्षकों को नियमित करने की दिल्ली सरकार द्वारा शुरू कर दी गयी है। इस आशय का प्रस्ताव दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा-मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक बिल विधान-सभा में प्रस्तुत किया।
विधेयक को ध्वनिमत से पारित भी कर दिया गया। इस विधेयक को विधान-सभा की स्वीकृति मिलने के बाद कानून-विभाग के माध्यम से उप-राज्यपाल अनिल बैजल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इन 17 हजार शिक्षकों को नियमित करने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अतिथि-शिक्षक और सर्व-शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों की सेवाओं का नियमन विधेयक – 2017 तैयार किया है।
गौरतलब है कि इस विधेयक पर विधानसभा की मंजूरी से एक दिन पहले ही उप-राज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को इसे पुनर्विचार के लिए भेजा था। शिक्षा-मंत्री सिसोदिया ने कहा कि विधेयक को तय नियमों के तहत ही लाया गया है।
वहीँ केजरीवाल ने कहा कि अतिथि-शिक्षकों को नियमित करने से शिक्षकों का सम्मान बढ़ेगा। केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
आपको बता दें कि  दिल्ली सरकार ने इन 17 हजार शिक्षकों को नियमित करने के लिए SC के आदेशों को आधार बनाया है। शिक्षा-मंत्री सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में आप की सरकार बनने के बाद से किसी भी अतिथि-शिक्षक को नहीं हटाया गया है और यही नहीं सरकार ने इन शिक्षकों की बेहतर ट्रेनिंग भी की है।
सभी शिक्षक अपनी योग्यता के आधार पर शिक्षण का कार्य कर रहे हैं। हालाँकि अतिथि-शिक्षकों के बहाने दिल्ली-सरकार व उप-राज्यपाल के बीच बुधवार को खुला टकराव भी विधान-सभा में देखने को मिला।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि “मैं राज्य का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूँ, कोई आंतकवादी नहीं।”उन्होंने कहा कि यहाँ तो सरकार के मंत्रियों को भी फाइलें देखने का अधिकार हासिल नहीं है।
उप-राज्यपाल पर आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि जब अफसरों से किसी मामले में जवाब मांगा जाता है तो उनका जवाब होता है कि उप-राज्यपाल के आदेश हैं कि उन्हें फाइलें न दिखाई जाएं।
अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है।उन्होंने आगे कहा कि यदि राजनीति करनी है तो खुलकर सामने आयें।
CM केजरीवाल ने शिक्षकों से अपील की कि हम वोट की राजनीति नहीं करते हैं, लेकिन यदि केंद्र-सरकार इसे मंजूरी नहीं देती है तो वह BJP को हटाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ें। इसमें आम-आदमी-पार्टी उनके साथ है।
फोटोः प्रतीकात्मक
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