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उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को पहले मायावती के शासनकाल की प्रशंसा की लेकिन बाद में अपने बयान पर यू टर्न ले लिया. मौर्य ने कहा, ‘मायावती का कार्यकाल अच्छा था, वह एक कुशल प्रशासक के रूप में जानी जाती थीं और सपा सरकार से कहीं ज्यादा बेहतर उनकी सरकार थी. वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार उससे कही ज्यादा बेहतर है.’ उनका यह बयान उस समय आया जब पत्रकारों ने उनसे वर्तमान में प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में सवाल किया.

कहा, ‘मायावती और योगी में बहुत कुछ समानता है, वह भी कानून का राज चाहती थी और हम भी कानून का राज चाहते हैं. हम भी सुशासन चाहते है, वह भी सुशासन चाहती थीं.

एक चीज में योगी आगे हैं, मायावती भ्रष्टाचार के समुद्र में गोता लगाती थीं, यहां पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के अभियान में योगी जी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

इस बयान पर यू-टर्न लेते हुए उन्होंने कहा, ‘मायावती और योगी में बहुत कुछ समानता है, वह भी कानून का राज चाहती थी और हम भी कानून का राज चाहते हैं. हम भी सुशासन चाहते है, वह भी सुशासन चाहती थीं. लेकिन एक चीज में योगी आगे हैं कि मायावती भ्रष्टाचार के समुद्र में गोता लगाती थीं, यहां पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के अभियान में योगी जी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके पहले वाले बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया.

64 साल के मौर्य ने विधानसभा चुनाव के समय बहुजन समाज पार्टी यह आरोप लगाकर छोड़ी थी कि उनकी नेता पार्टी के टिकट बेच रही है. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पडरौना विधानसभा सीट से पांचवी बार विधायक चुने गए और उन्हें सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

उन्नाव में बीजेपी विधायक के कथित तौर पर बलात्कार में शामिल होने पर मौर्य ने कहा, ‘अगर लोगों को स्थानीय पुलिस द्वारा द्वारा न्याय मिल जाता तो मामला इतना आगे न बढ़ता और न ही सीबीआई जांच की आवश्यकता पड़ती. अब सीबीआई जांच में मामला साफ हो जाएगा.

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