PM मोदी की इज्जत का सवाल बना अमेरिका का ये फैसला, डोनाल्ड ट्रंप ने कर दिया यह बड़ा एलान

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उत्तराखंड ।। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गणतंत्र दिवस पर भारत आने का कार्यक्रम रद्द हो गया है। लेकिन भारत अब भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के लिए प्रायसरत है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति का कार्यक्रम तय करने के लिए वाइट हाउस के अधिकारियों से अब भी बातचीत चल रही है।

यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि ट्रंप मई के पहले भारत आ सकें। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमरीका ने ट्रंप के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए 2019 गणतंत्र दिवस समारोह में उनके बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का न्योता ठुकरा दिया था।

खूब किया गया प्रयास ट्रंप को बुलाने के लिए

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि हालांकि ट्रंप 26 जनवरी के मौके पर भारत नहीं आ सकते लेकिन दोनों देश अब यह तय करने में जुटे हुए हैं कि ट्रंप का भारत दौरा कब हो सकता है। रवीश कुमार ने कहा कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बातचीत होती रही है और इस सिलसिले में अब राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आना है।

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यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक अनिवार्य हिस्सा है। बता दें कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गणतंत्र दिवस पर भारत आने का न्योता ठुकरा दिया है। भारत ने उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर चीफ गेस्‍ट भारत आने के लिए आमंत्रित किया था। इस बात के कयास बहुत दिन से लगाए जा रहे थे कि अमरीकी राष्ट्रपति का भारत दौरा फिलहाल मुश्किल है। इसी समयावधि में कुछ अन्य कार्यक्रमों के चलते डोनाल्ड ट्रंप अमरीका में व्यस्त रहेंगे इसलिए उनका भारतीय गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होना मुश्किल है।

इसलिए दौरा हुआ रद्द

बताया जा रहा है कि ट्रंप के आने की मुश्किलों के पीछे उनका जनवरी में होने वाला स्टेट ऑफ यूनियन का संबोधन है, जो 26 जनवरी के आसपास ही होने की संभावना है। वाइट हाउस का कहना है कि नवंबर 2018 से लेकर जनवरी में होने वाले स्टेट ऑफ यूनियन के संबोधन तक अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप काफी व्यस्त रहेंगे।

आपको बता दें कि अमरीका में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाला स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन बेहद अहम होता है। यह अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से कांग्रेस को दिया जाने वाला एक प्रमुख भाषण है। इस भाषण में अमरीकी राष्ट्रपति पूरे वर्ष के लिए अपने कार्यक्रमों का एजेंडा पेश करने के साथ ही पीछे वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी कांग्रेस सदस्यों को देते हैं। इसके इतर वाइट हाउस ने यह भी कहा है कि जनवरी में ट्रंप के पहले से कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम तय हैं।

उठा ये सवाल

सवाल उठाया जा रहा रहा कि जब पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन के बावजूद 2015 में गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आ सकते हैं तो आखिर ट्रंप को ऐसा करने में क्या परेशानी है। रणनीतिक मामलों के जानकरों का कहना है कि असल में ट्रंप का 26 जनवरी के बाद भी भारत आना संभव नहीं दिख रहा। शुरुआत में ट्रंप ने भारत के प्रति अपना अगाध स्नेह दिखाया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की जटिल दुनिया की अपनी कई मजबूरियां होती हैं। एक तो आजकल ट्रंप रूस और ईरान से भारत के चल रहे सौदों से चिढ़े हुए हैं।

कहा जा रहा है कि ट्रंप भारत के रूस से समझौता करने और ईरान से तेल आयात न बंद करने से बुरी तरह नाराज हैं। अमरीका इस बारे में खुलकर भारत के खिलाफ कोई बयान नहीं दे रहा है क्योंकि माना जा रहा है कि इससे चीन को शह मिल सकती है। इसलिए भारत न आकर ट्रंप इस बात का स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि वह भारत की वर्तमान नीतियों से नाराज हैं।

फोटो- फाइल

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