प्रधानमंत्री मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को पलीता लगाने में जुटा सीएम योगी का ये करीबी IAS ऑफिसर

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लखनऊ ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को उनका ही एक चहेता अफसर ठेंगा दिखा रहा है। इस अफसर की सुस्ती की वजह से बताया जा रहा है कि सचिवालय में अब तक लाखों करोड़ों रुपए का घोटाला हो चुका है। बाबू से लेकर सेक्सन अफसर तक इस घोटाले को लेकर चर्चा तो कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।

सचिवालय प्रसाशन के प्रमुख सचिव हैं महेश गुप्ता जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। महेश गुप्ता आजकल सरकार के ही कायदे कानून को मजाक बना रहे हैं। जिन नियमों को सरकार ने विभिन्न सामानों की खरीद फरोख्त के लिए बनाया, उसे ही सचिवालय प्रशासन अब दरकिनार कर लूट के रास्ते से फिर काम कर रहा है। इससे विभाग को करोड़ों रुपए की चपत हो रही है।

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कहा जा रहा है कि वरिष्ठ आईएएस अफसर महेश गुप्ता की वजह से ही ये बड़ा कारनामा अंजाम दिया जा रहा है। वर्ष 2017 में सचिवालय प्रशासन के अधीन कंप्यूटर, प्रिंटर, बॉयोमेट्रिक्स और अन्य सहयोगी उपकरण खरीदे गए थे। इसमें प्रथम चरण के उपकरण जेम पोर्टल (केंन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत) के माध्यम से खरीदे गए। यह सरकार के भ्रष्चाचार विरोधी नियम के तहत था, लेकिन जब अधिकारियों को इसमें पैसे नहीं मिले तो जेम पोर्टल से खरीदारी बंद कर दी गई।

दूसरे चरण में जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए उपकरणों को उपयोगी न पाए जाने का बहाना बनाते हुए नियम-कानून को ताक पर रखकर कार्यदायी संस्थाओं/कंप्यूटर सप्लायर्स कंपनियों के माध्यम से सीधे क्रय कर लिया गया। बताया जा रहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर धांधली की गई। यही नहीं जो कंप्यूटर और सम्बंधित उपकरण खरीदे गए वो विभिन्न कंपनियों के साथ या यूं कह लीजिए असेम्बल्ड उपकरण की आपूर्ति की गई। सचिवालय प्रशासन द्वारा कंप्यूटर और अन्य सहयोगी उपकरणों की इस खरीद में लाखों-करोड़ों की घपलेबाजी की गई।

बतादें कि राज्य सरकार के सभी विभागों को जेम पोर्टल के माध्यम से ही कंप्यूटर और अन्य सहयोगी उपकरणों की खरीद-फरोख्त की अनिवार्यता है। यहां यह भी गौरतलब है कि सचिवालय प्रशासन द्वारा क्रय किये गए यूपीकरण किसी एक ब्रांड के न होकर अलग-अलग कंपनियों के असेम्बल्ड उपकरण हैं।

विभाग के अफसर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि कंप्यूटर और अन्य सहयोगी उपकरणों का क्रय सचिवालय प्रशासन अनुभाग 13 से डील होता है। अनुभाग 13 के अनुभाग अफसर प्रमेन्द्र गुप्ता सचिवालय प्रशासन के मुखिया महेश गुप्ता के करीबी अफसरों में से एक हैं, जिसके सेक्शन ऑफीसर रहते हुए ही ये कंप्यूटर और अन्य सहयोगी उपकरण खरीदे गए। मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार रोकने की मुहिम में रोड़ा बन रहे ऐसे अफसरों के खिलाफ यदि जांच होती है, तो निश्चित रूप से अन्य विभागों में इस तरह से अफसर मनमानी नहीं कर पाएंगे।

फोटो- फाइल

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