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ये 50-50 क्या है, नया बिस्किट है? : असदुद्दीन ओवैसी

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा अभी भी जोरों शोरों से है। एक तरफ शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग कर 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी अपनी ऐंड़ी चोटी का जोर लगाए जा रही है।

वहीं आपको बताते चलें की इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी गठबंधन भाजपा-शिवसेना तीखा प्रहार कर निशाना साधते हुए कहा की पर कि ये 50-50 क्या है? क्या ये एक नया बिस्किट है? साथ ही ओवैसी ने कहा कि इन लोगों को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना है।

साथ ही उन्होंने कहा की, ओवैसी ने कहा कि कुछ महाराष्ट्र की जनता के लिए बचाकर रखिए। उन्हें (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई बारिश से हुए नुकसान पर कोई चिंता नहीं है। वे लोग केवल 50-50 पर बात कर रहे हैं।

यह किस तरह का ‘सबका साथ सबका विकास’ है?’ अपना मुख्यमंत्री बनवाने पर अड़ी शिवसेना को लेकर उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को पहले केंद्र सरकार में अपने मंत्रियों को इस्तीफा दिलवाना चाहिए यदि वह अपना सीएम चाहते हैं।

ऐसा नहीं करने पर वह एक साथ दो घोड़ों की सवारी नहीं कर सकते हैं। ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे को मोदी का भय है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को व्हाट्सएप जासूसी विवाद में भी केंद्र सरकार पर हमला बोला।

उन्होंने मांग की कि सरकार को इस्राइल से पूछना चाहिए कि आखिर उसकी कंपनी ने भारतीयों की व्हाट्सएप बातचीत क्यों सुनी। एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस्राइली राजदूत को तलब किया जाना चाहिए और इस मुद्दे पर जवाब मांगा जाना चाहिए।

हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस्राइली कंपनी से सवाल नहीं करेगी। पता नहीं उसे किस बात का डर है। गौरतलब है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पक्ष में नतीजे आने के बावजूद दोनों दलों में अब तक सरकार गठन को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि सबसे बड़ा दल होने के नाते भाजपा को सरकार गठन का अधिकार है। भाजपा को बहुमत साबित करने को 15 दिन का समय दीजिए, अगर वह ऐसा नहीं कर पाती है तो शिवसेना बहुमत साबित करेगी।

राउत ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनाने का फार्मूला चुनाव से पहले तय हो गया था। भाजपा अब उससे पीछे हट रही है। इसके साथ ही राउत ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई के सोनिया गांधी को लिखे पत्र का भी स्वागत किया। दलवई ने पत्र लिखकर शिवसेना का समर्थन करने का अनुरोध किया था।

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