एक ऐसी टॉफ़ी जिसने बिना ज्यादा प्रचार-प्रसार के अपना बिज़नेस 6600 कर लिया और बड़ी ही आसानी से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। जी हाँ बतादें की इस टॉफी का एडवर्टिजमेंट करने लिये भी ज्यादा कोई खर्चा नहीं हुआ। ये बात काफी हैरान करने वाली हैं कि बिना किसी ऐड के इस टॉफी ‘पल्स’ ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली और इसका सबसे बड़ा कारण था ‘वर्ड ऑफ माउथ’ पब्लिसिटी।
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जिस किसी ने इस टॉफी को एक बार खाया तो उसने मिलने वाले हर किसी को ये टॉफी खाने के लिए जरूर कहा और ऐसे ही हर किसी ने इसे खाने को बोलते-बोलते ही आज ये एक ब्रांड बन चुका है। भारत में इस टॉफी की मार्केट 6,600 करोड़ रुपये की है जो बड़ी रफ्तार से बढती ही चली जा रही है ।
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जो विज्ञापन टीवी पर आते है उसमें किसी उत्पाद को लेकर वो सच में वैसा हो, ऐसा नहीं होता। यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि अगर चीज़ अच्छी है तो उसको मार्केट में आसानी से पहचान मिल जाती है। उसे किसी तरह के विज्ञापन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ मार्कटिंग के लिए शुरू में थोडा वक़्त जरूर लगता है लेकिन अगर चीज अच्छी हो तो वो खुद ब्रांड बन जाती है।
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इस टॉफी की सबसे बड़ी बात ये है कि लोगों को सिर्फ टॉफी नहीं मिल रही बल्कि एक अच्छी क्वालिटी और टेस्ट की टॉफी मिल रही है यही वजह है कि पिछले महीने 1 रुपये कीमत वाली ‘पल्स’ ने 300 करोड़ की सेल्स करते हुये ‘ओरियो’ जैसी मल्टी-नेशनल कंपनी को भी पीछे छोड़ दिया है।
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