योगी के गोरखपुर महोत्सव को एनसीपी ने कहा बेशर्म सरकार, बताया 290 बच्चों की मौत का जश्न

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लखनऊ।। विपक्ष में रहते हुए भाजपाइयों को जहाँ ‘सैफई महोत्सव जैसे आयोजन फिजूलखर्ची और मौजमस्ती वाले लगते थे वहीँ अब प्रदेश की योगी सरकार भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है। अब भाजपा सरकार गोरखपुर में तीन दिवसीय ‘गोरखपुर महोत्सव’ का आयोजन करने जा रही है। ये महोत्सव 11 से 13 जनवरी तक चलेगा और इसपर 33 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे।

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गौरतलब है कि फिजूलखर्ची और विलासिता के लिये समाजवादी पार्टी का मजाक उड़ाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब इस तरह का आयोजन रास आने लगा है। इसके लिए योगी सरकार ने अपनी वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। इस संबंध में प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। हालाँकि कहा ये जा रहा है कि इसका अंदाज थोड़ा अलग है और इस महोत्सव का रंग-रूप सब ‘सैफई महोत्सव’ से एकदम जुदा होगा।

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गोरखपुर महोत्सव तीन दिन तक चलेगा। इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट राज्यपाल होंगे और महोत्सव का समापन सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस महोत्सव में फिल्मी कलाकारों के अलावा स्थानीय बच्चों और कलाकारों के कार्यक्रम कराये जायेंगे जिसमें सांस्कृतिक-कार्यक्रम, डिबेट-कॉम्प्टीशन, टैलेंट-हंट, विज्ञान-प्रदर्शनी, बैडमिंटन और कुश्ती जैसी प्रतियोगितायें भी करायी जायेंगी। कलाकारों मे लोक गायिका मालिनी अवस्थी, भोजपुरी अभिनेता रविकिशन, मशहूर सिंगर शंकर महादेवन और गायन के अन्य प्रोग्राम भी होंगे।

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महोत्सव में कलाकारों के कार्यक्रम को ‘बॉलीवुड’ और ‘भोजपुरी नाइट’ का नाम दिया गया है। ‘गोरखपुर महोत्सव’ के लिये अलग से लोगो का डिजाइन किया गया है, जिसका स्लोगन “आरोह-तमसो-ज्योति” होगा। समापन अनूप जलोटा की भजन संध्या से किया जायेगा।

हालाँकि अधिकारियों के मुताबिक महोत्सव के आयोजन के पीछे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना है। समाजवादी पार्टी के ‘सैफई महोत्सव’ के बाद योगी के गढ़ गोरखपुर में महोत्सव के आयोजन पर तुलना और राजनीति होना तो तय है।

महोत्सव के मुद्दे पर योगी सरकार पर निशाना साधते हुये राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले ‘गोरखपुर महोत्सव’ के लिए शासन की तरफ से लाखों रुपये स्वीकृत किए जाने की घोर आलोचना की है। एनसीपी ने योगी सरकार के इस कदम की निंदा करते हुये इसे एक ‘बेशर्म सरकार’ का बेहद गैर-जिम्मेदाराना और अमानवीय कृत्य बताया है।

एनसीपी ने योगी सरकार के इस फैसले को पिछले दिनों गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में अगस्त के महीने में 290 बच्चों की मौत पर जश्न जैसा करार दिया है।

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