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लखनऊ ।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार का कोढ़ पूरी व्यवस्था को जकड़े हुए है। भ्रष्टाचार पर उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी। सरकारी ठेकों में अपराधियों-माफिया के वर्चस्व को खत्म करने के मकसद से ई-टेंडरिंग को अपनाने का फैसला लेकर सरकार ने इस दिशा में अपना इरादा जता दिया है। हालांकि ई टेंडरिंग को माफियाओं से कैसे बचाया जाएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी भी अधिकारियों से समझ रहे हैं।

डिजिटल लेनदेन होने पर कोई अधिकारी घूस नहीं ले सकेगा। यदि वह घूस लेगा तो उससे पहले यह तय कर लेगा कि उसे कितने दिन जेल में रहना है। आने वाले दिनों में उसकी संपत्ति जब्त हो सकती है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को अंबेडकर जयंती के मौके पर इंदिरा प्रतिष्ठान में 100वें डिजिधन मेले का शुभारंभ करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के लिए भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाना जरूरी है। अभी तक अपराधी और माफिया ठेकेदार सत्ता के साथ मिलकर ठेके हड़पते थे। फिर काम के लिए छोटे कांट्रेक्टर रखते थे। एक साल का काम पांच साल में होता था।

बार-बार प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाकर सरकारी खजाने की लूट-खसोट होती थी। इस तरह के तत्वों को विकास योजनाओं से दूर रखने के लिए ई-टेंडरिंग जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के पीछे भी डॉ.भीमराव अंबेडकर की सोच थी। अंबेडकर ने कहा था कि यदि किसी लोकतांत्रिक देश को काले धन पर अंकुश लगाना है, तो उसे बड़े नोटों को बदलने और चलन से बाहर करने का कदम जल्दी-जल्दी उठाना होगा। कोई और सरकार ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 60 हजार जनसेवा केंद्रों को भीम आधार सेवा से जोड़ा। यह डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए लांच किए गए भीम एप का नवीनतम संस्करण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को उद्यमिता से जोडऩे के लिए उनकी सरकार ने लखनऊ में देश का सबसे बड़ा स्टार्ट अप इन्क्यूबेटर बनाने का फैसला किया है। सरकार महानगरों में आइटी पार्क भी विकसित करेगी।

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