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यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ/कानपुर।। लखनऊ यूनिवर्सिटी में वर्ष 2010 में एमकॉम के दूसरे सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं व मार्कशीट के नम्बरों में हेरा-फेरी का मामला सामने आया था। इसमें एक छात्र की उत्तरपुस्तिका में टैम्परिंग कर नंबर बढ़ाए गए थे।
इसमें तत्कालीन विभागाध्यक्ष जेवी वैशम्पायन, आरके महेश्वरी, डॉ. रचना मज्जू और प्रो.नरसिंह पर आरोप थे। उस समय एके सेन गुप्ता की समिति की जांच में प्रो. नरसिंह को दोषमुक्त कर दिया गया था। बाकी तीनों को विजिलेंस ने भी अपनी जांच में दोषी पाया था।
लखनऊ यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद की बैठक में सोमवार को 5 प्रफेसरों पर चार्जशीट फाइल कर दी गई। इनमें कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. जेवी वैशम्पायन, एलयू के अलाइड इकॉनमिक्स विभाग के प्रो.आरके महेश्वरी और प्रो.रचना मज्जू शामिल हैं। इन पर उत्तर पुस्तिकाओं में टैम्परिंग का आरोप है।
वहीं, हिंदी के असोसिएट प्रफेसर आरसी त्रिपाठी और सोशियॉलजी के प्रफेसर एसके चौधरी अपनी डिग्री में फर्जीवाड़ा करने और अर्हता छुपाने के मामले में फंसे हैं। अब ये सभी यूनिवर्सिटी की डिसिप्लिनरी कमिटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद कमिटी अपनी रिपोर्ट कार्यपरिषद को देगी।
फोटोः फाइल
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