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लखनऊ ।। जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर नेताओं की दौड़ शुरू हो गई है। एक बार फिर जोशी, सुषमा और आडवाणी के नाम की चर्चा सबसे तेज है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुमरु का भी नाम लिया जा रहा है। मोदी की गुडविल लिस्ट में अमिताभ बच्चन भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के कभी प्रबल समर्थक रहे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस दौड़ से बाहर बताए जा रहे हैं, लेकिन आडवाणी के पास आरएसएस एक बड़ी गोटी है, जिसे वह चल सकते हैं और राष्ट्रपति भी बन सकते हैं। इन नामों पर आरएसएस मंथन शुरू कर चुका है।

अंतिम तस्वीर पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद उभरेगी। मुरली मनोहर जोशी 1944 से संघ से जु़ड़े हैं, जब वह दस साल के थे। राम मंदिर आंदोलन जब उभार पर था, उन्हीं दिनों 1991 में भाजपा अध्यक्ष बने। वाजपेयी सरकारों में अहम मंत्री रहे।

सुषमा स्वराज की संभावना इस बात में है कि वह मोदी सरकार में ‘अच्छी मंत्री’ हैं। उनकी पदोन्नति से संघ की महिला विरोधी छवि का भ्रम भी टूटेगा। उनका स्वास्थ्य चिंता का कारण है। कुछ का कहना है कि उन्हें इस पद पर पहुंचा कर ‘उचित आराम’ दिया जा सकता है।

सूत्रों की माने तो अमिताभ बच्चन के नाम पर आरएसएस राजी नहीं है। हालांकि मोदी की पहली पसंद अमिताभ बच्चन ही हैं।

फोटोः राष्ट्रपति भवन

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