
यूपी किरण डेस्क
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का कहना है कि जहां-जहां पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया वहां पर भाजपा बुरी तरह हारी है, जबकि सच्चाई इससे ठीक उलट है। ईवीएम घोटाले के नाम पर बवाल मचाने से पहले राजनीतिक दलों ने बिल्कुल भी होमवर्क नहीं किया, उत्तर प्रदेश की 30 सीटों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 25 पर भाजपा ने जीत हासिल की है, जबकि सपा को चार व बसपा को मात्र एक सीट ही मिली है।
सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वीवीपैट मशीनों के माध्यम से हर वोटिंग मशीन के साथ प्रत्येक वोट को कागज की पर्ची पर सुरक्षित रखा जाए। इस बाबत सरकारी गजट भी साल 2013 में किया गया, लेकिन इसे अभी तक पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया। इस बार उत्तर प्रदेश की 403 विधान सभा सीटों में से मात्र तीस एवं उत्तराखण्ड की मात्र तीन सीटों पर ही यह व्यवस्था लागू की गई।
किसी विवाद की दशा में वीवीपैट मशीनों से प्राप्त पर्ची के द्वारा ही भौतिक रूप से वोटों की दोबारा गिनती की जा सकती है।
चुनाव आयोग द्वारा भारत सरकार के अधीन परमाणु ऊर्जा विभाग की कम्पनी इलैक्ट्रानिक्स कार्पोरेशन इण्डिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के जरिये जिन दस विधानसभा सीटों पर वीवीपैट मशीनें लगी थी उसमें से भाजपा ने सात तो सपा ने तीन सीटें जीतीं, जबकि बसपा का खाता तक नहीं खुला। इन दस विधानसभा सीटों पर कुल 3709 बूथ हैं।
आगरा दक्षिण से भाजपा प्रत्याशी को 111882, बसपा को 57657, तो वहीं कांग्रेस को 39434 वोट प्राप्त हुए। अलीगढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी को 113752, सपा को 98312, तो वहीं बसपा को 25704 वोट प्राप्त हुए। गाजियाबाद से भाजपा प्रत्याशी को 124201, बसपा को 53696, तो वहीं कांग्रेस को 39648 वोट प्राप्त हुए। मेरठ सीट पर सपा के रफीक अंसारी जीते जिन्हें 103217 वोट मिले, जबकि दूसरे नम्बर पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकान्त चौधरी रहे, जिन्हें 74448 वोट मिले, तीसरे नम्बर पर रहने वाली बसपा को मात्र 12636 वोट मिले।
बरेली, मुरादाबाद की सीट भाजपा ने जीती तो वहीं सहारनपुर नगर की सीट सपा के खाते में मामूली अंतर से गई। कानपुर की गोविन्दनगर की सीट पर भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की, यदि इस सीट पर भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले सभी दलों के वोट मिला भी दिए जाएं, तो भी भाजपा प्रत्याशी सत्य देव पचौरी काफी अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। तो वहीं कानपुर की दूसरी सीट आर्यनगर जिस पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया गया, इस सीट पर समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी से महज पांच हजार वोटों से चुनाव जीत सका। तो वहीं भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की कम्पनी भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) के द्वारा जिन बीस विधानसभा सीटों पर बीईएल की वीवीपैट मशीनें लगी थी उसमें से भाजपा ने 18 तो सपा व बसपा ने मात्र एक-एक सीट पर जीत दर्ज की।
राजधानी लखनऊ की तीन सीटों लखनऊ पूर्व, लखनऊ पश्चिम एवं लखनऊ उत्तर में बीईएल की वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया था, तीनों सीटें भाजपा की झोली में गईं हैं। वीवीपैट युक्त इलाहाबाद की उत्तर एवं दक्षिण दोनों ही सीटें बड़े अंतर से भाजपा के खाते में गईं। झांसी नगर और फैजाबाद की अयोध्या सीट भी बड़े मतों के अंतर से भाजपा ने अपने कब्जे में किया।
गोरखपुर शहर सीट से भाजपा के डा. राधा मोहन अग्रवाल ने इसी वीवीपैट मशीन पर बड़ी जीत दर्ज की, तो वहीं प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी की जिन दो सीटों उत्तर व कैन्ट पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया गया, वहां भी भाजपा के ही प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। बहराईच, गोंडा, बस्ती, खलीलाबाद, देवरिया, बलिया, गाजीपुर और जौनपुर की सीटें भी भाजपा के खाते में गईं। मुलायम सिंह यादव के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ की सीट पर सपा के दुर्गा प्रसाद जीत दर्ज कर सके, जबकि मऊ सीट से बसपा के मुख्तार अंसारी ने जीत दर्ज की।
फोटोः फाइल।