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पाटीदार नेता हार्दिक पटेल आरक्षण और किसानों की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। आज उनके अनशन का 6वां दिन है लेकिन अनशन के 5वें दिन यानी बुधवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल से बुधवार को बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता करसन सोलंकी ने भी उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की है। डॉक्टरों ने बताया कि उनका ब्लड प्रेशर, नब्ज और सुगर का स्तर तो सामान्य बना हुआ है पर उनके मूत्र के नमूने में एसीटोन की मात्रा सामान्य से अधिक है। ऐसे में उन्हें फलों का रस और अधिक मात्रा में तरल लेने की सलाह दी गई है। 

वहीं दूसरी ओर हार्दिक के यहां एसजी हाईवे के निकट स्थित आवास के आसपास कड़ी पुलिस सुरक्षा तथा आने जाने वालों की जांच और इसमें कथित रूकावट को लेकर उनके समर्थकों के साथ पुलिस की कहासुनी हुई। अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल से मिलने जाने वालों को पुलिस डेढ़ किमी पहले ही रोक रही है। साथ ही कुछ भी सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की ओर से वकील बीएम मांगुकिया ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हार्दिक अपने घर पर अनशन पर बैठे हैं। लेकिन अहमदाबाद शहर सेक्टर-1 के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर विश्वकर्मा लोगों को उपवास स्थल पर जाने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं जो कि गैर-कानूनी है। 

उन्होंने कहा कि पुलिस जनता के अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। संविधान में जनता को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। लोग उपवास के माध्यम से अपना विरोध व्यक्त कर सकते हैं। उपवास करने वाले से मिलने आने वालों को रोकने का पुलिस को कोई अधिकार नहीं है। उच्च अधिकारी के आदेश पर पुलिस हार्दिक से मिलने आने वालों को डेढ़ किमी दूर ही रोक रही है। 

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