कानपुर। बीते साल पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके कुख्यात बदमाश विकास दुबे की मदद करने और गलत तरीके से उसका असलहा नवीनीकरण करने वाले अफसरों पर अब जल्द ही गाज गिर सकती है। शहर में तैनात रहे तत्कालीन एसडीएम, एडीएम समेत अन्य 26 अधिकारियों को शासन द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। इनमें से 19 अफसर ऐसे हैं जो अब जिलों में तैनात हैं। वहीं सात अफसर रिटायर हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि जवाब संतोषजनक न होने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपी के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने के उसके दोनों असलहों का बाकायदा नवीनीकरण किया जा रहा था। इसके साथ ही जिले में कई सालों तक असलहा लाइसेंस की जांच को कई अफसर दबाए रहे।
बिकरू कांड के बाद जब इस पूरे केस की जांच एसआईटी ने की तो उन्होंने बिल्हौर में पोस्टेड एसडीएम, एडीएम फाइनेंस और एडीएम सिटी को दोषी पाया और उनके खिलाफ जांच करके कार्रवाई की संस्तुति की थी। अब शासन स्तर से सभी तैनात रहे अफसरों को नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब तलब किया गया है। कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने बताया कि शासन ने अधिकारियों के नाम पूछे थे। उसे लिखित रूप से शासन को बता दिया गया है। अब बाकी की कार्रवाई शासन स्तर से की जा रही है।
बता दें कि जिले के 40 हजार असलहों की जांच एसआईटी कर रही है। इसमें सैकड़ों असलहे ऐसे हैं जिनकी फाइलें गायब हैं। अब SIT ने जिला प्रशासन से खुद जांच करके असलहा लाइसेंस स्वीकृत करने वाले अधिकारियों के नाम, पद व वर्तमान तैनाती के बारे में सवाल किया है। इसकी जांच जल्द कराकर अफसरों के नाम, पद व तैनाती की डिटेल एसआईटी को दी जाएगी। ऐसे में गायब फाइलों और फर्जी बने असलहा लाइसेंस को स्वीकृत करने वाले अफसरों पर गाज गिरनी तय है।