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दिल्ली और आसपास की भारी बारिश के बाद स्थानीय सांसद के गाँव में घुटनों तक पानी भर गया है, जबकि सरकार यह दावा कर रही थी कि हालात कंट्रोल में हैं। इस विरोधाभास को लेकर सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं।

 सांसद के गांव में हालत खराब

बारिश के चलते एक सांसद के गांव में सड़कें व घर जलमग्न हो गए। वहां के लोगों ने बताया कि कई फसलें डूब चुकी हैं और संपर्क टूट गया है। यह दृश्य सरकार के दावों से पूरी तरह उलट है।

 सरकार के दावों की पोल

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बड़ी ज़ोर से कहा कि इस बार मिंटो ब्रिज जैसे पुराने जलभराव वाले स्थानों पर पानी नहीं जमा हुआ  । उन्होंने दावा किया:

 “इतनी भारी बारिश के बाद भी दिल्ली में जलभराव नहीं हुआ”  ।
लेकिन सांसद के गांव में तस्वीरें और घटनाएं इन दावों का खंडन कर रहीं हैं।

 

 CM ने क्या कहा?

रेखा गुप्ता ने अपने निशाने तो AAP पर साधे, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि “बीमारी” पिछले 10–15 वर्षों की देरी से आई है, जिसे ठीक होने में समय लगेगा  । उन्होंने अधिकारियों को सक्रिय बने रहने और मॉनिटर करें—वरना कार्रवाई होगी ।

उन्होंने अधिकारियों और विधायकों से चुनीदारी निगरानी रखने को कहा और फ्लड & इरिगेशन विभाग को साफ-सफाई व पंप इंस्टॉलेशन का जिम्मा सौंपा।

विपक्ष का आरोप

AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि विपक्षी सरकार ने केवल दिखावा किया — “चार इंजन वाली सरकार” होने का दावा फेल रहा, क्योंकि दिल्ली बाढ़ में डूब गया  ।
 

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