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Uttarakhand Bulldozer News: उत्तराखंड में रिस्पना नदी के फ्लड जोन में बसे घरों के ध्वस्तीकरण का आदेश एनजीटी द्वारा जारी किया गया है, जो कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से अहम है। एन जी टी ने स्पष्ट किया है कि फ्लड जोन में कोई भी स्थाई निर्माण नहीं किया जा सकता है।

इस आदेश के बाद 525 घरों पर संकट बढ़ गया है, क्योंकि एनजीटी ने कहा है कि ये सभी अवैध निर्माण हैं और इन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए। इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा द्वारा पारित अतिक्रमण हटाने पर रोक से संबंधित कानून को पर्या  वरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत निष्प्रभावी करार दिया गया है, जिससे राज्य सरकार के लिए इस मुद्दे को सुलझाना और भी कठिन हो जाएगा।

इस मामले में नगर निगम और एमडीडीए को जल्द ही गाइडलाइन जारी की जाएगी, ताकि वे इस आदेश के अनुसार कार्यवाही कर सकें। साथ ही, 13 फरवरी को एनजीटी में पेश होने वाली रिपोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पेयजल निगम, जल संस्थान द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी शामिल की जाएगी।

इस प्रकार, एनजीटी का ये आदेश न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि ये उन लोगों के लिए भी एक चेतावनी है जो अवैध निर्माण कर रहे हैं। सरकार को इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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