कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता यानी सांसद रद्द होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। लोकसभा सदस्यता रद्द होने के करीब 24 घंटे बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। माफी मांगने के मुद्दे पर राहुल ने कहा, 'मेरा नाम सावरकर नहीं, मेरा नाम गांधी है।' गांधी किसी से माफी नहीं मांगते।
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में अडानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। अडानी का नरेंद्र मोदी से क्या कनेक्शन है? मैं इन लोगों से नहीं डरता। यदि उन्हें लगता है कि वे मेरी सदस्यता रद्द कर सकते हैं, मुझे धमकी दे सकते हैं, मुझे जेल में डाल सकते हैं। इसलिए मैं भारत के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.'
राहुल ने कहा, 'मैं संसद में रहूं या संसद से बाहर, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। भले ही वे मुझे मारें या मुझे जेल में डाल दें, मैं अपना काम करता रहूंगा। यह सारा ड्रामा प्रधानमंत्री को एक साधारण से सवाल से बचाने के लिए किया गया है। अडानी की शेल कंपनियों के 20,000 करोड़ रुपये किसके पास गए? मुझे धमकियों, अयोग्यता या जेल जाने का डर नहीं है।
'मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं प्रधानमंत्री' -राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने कई बार कहा है कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। इसके नए उदाहरण हर दिन देखने को मिल रहे हैं। मैंने संसद में सबूत दिया, अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों के बारे में बात की। नियमों में बदलाव कर अडानी को हवाई अड्डा दे दिया गया। मैंने इस संबंध में संसद में बात की थी। प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डर गए। इस वजह से मुझे डिसक्वालिफाई किया गया।
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