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देश में कुछ ही महीनों में लोकसभा इलेक्शन होने हैं। इसके लिए सभी पार्टियों ने तैयारी कर ली है। देश में विपक्षी दलों ने मिलकर इंडिया अलायंस बनाया है। किंतु,, गठबंधन में अभी तक बसपा को शामिल नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए चर्चा चल रही है। इस बीच कहा जा रहा है कि बीएसपी ने शामिल होने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं।

बसपा चीफ मायावती के करीबी माने जाने वाले एक नेता ने बीएसपी से पूछा है। बीते कई दिनों से मायावती दिल्ली में हैं और कहा जा रहा है कि कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण ही मायावती को भारत अघाड़ी में शामिल होने की शर्त लगायी गयी है। अमरोहा से सांसद और मायावती के करीबी माने जाने वाले मलूक नागर ने कहा है कि जब तक मायावती को प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं बनाया जाता, अखिल भारतीय गठबंधन का कोई मतलब नहीं है।

सांसद मलूक नागर ने कहा कि अगर भारत अघाड़ी वास्तव में बीजेपी को हराना चाहती है तो गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मायावती को बनाना होगा, अन्यथा यह किसी के लिए भी संभव नहीं है।

मलूक नागर ने कहा कि मायावती के 13 फीसदी वोट और विपक्ष के 37-38 फीसदी वोट निर्णायक बढ़त दिला सकते हैं, जो यूपी में बीजेपी के 44 फीसदी से कहीं ज्यादा है, किंतु, इसके लिए मायावती को भारत के प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाना होगा।

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