रूस का मिशन मून लूना 25 भारत के चंद्रयान तीन से चांद पर जल्दी लैंड होने वाला था। मगर बरसों पुराना रूस का सपना चकना चूर हो गया और लूना 25 मून मिशन फेल हो गया। रूस की स्पेस एजेंसी रोस कोसमोस ने बताया है कि उनका संपर्क लूना 25 स्पेसक्राफ्ट से टूट गया है। शुरुआती जांच के आधार पर यह माना जा रहा है कि चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद लूना 25 से संपर्क टूटा।
रिपोर्ट्स की मानें तो लूना 25 अपने रास्ते से भटक गया और चांद की सतह से जा टकराया। इसके कारण लूना 25 को नुकसान पहुंचा और संपर्क टूट गया। रूस अपने इस मिशन से बहुत उम्मीदें थीं, जो क्रैश होते ही धराशाई हो गई।
रूस के मिशन फेल होने के बाद पूरी दुनिया की निगाहें भारत के चंद्रयान तीन पर टिकी हुई है। इसमें विक्रम लैंडर उल्टी दिशा में घूम रहा है यानी फायरिंग कर रहा है। विक्रम लैंडर अपनी उंचाई कम करने के साथ साथ गति भी धीमी कर रहा है। पहले से ही तैयारी ये थी कि 20 अगस्त की रात होने वाली पोस्टिंग के बाद विक्रम लैंडर चंद्रमा से सिर्फ 24 से 30 किलोमीटर की दूरी तक पहुंच जाए। चांद के चारों तरफ चंद्रयान तीन का फ्री ऑर्बिट नेटवर्क 16 अगस्त 2 हज़ार 23 को किया गया था।
जब लॉन्चिंग हुई थी तब इसरो प्रमुख डॉक्टर एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान तीन को 100 किलोमीटर वाली गोलाकार ऑर्बिट में लाएंगे। उसके बाद प्रोपल्शन और विक्रम लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ और चांद के एकदम नजदीक 30 किलोमीटर की दूरी पर आने के बाद विक्रम की गति को कम करना है। सही स्पीड में लैंडिंग कराना, वो भी पौने 4 लाख किलोमीटर दूर से सारा काम बेहद कठिन होने वाला है।
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