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दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की ₹30,000 करोड़ मूल्य की संपत्ति और विरासत के बंटवारे को लेकर Kapur परिवार और Sona Comstar के बीच विवाद गरमाता जा रहा है। इस क्रम में संजय कपूर की माँ रानी कपूर ने एक पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं, जिस पर कंपनी ने सख्त जवाब दिया है।
रानी कपूर ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया कि जून माह में संजय कपूर की अचानक मृत्यु के बाद उन्हें मानसिक रूप से कमजोर अवस्था में बंद कमरे में दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, “मुझसे दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करवाए गए जिनकी सामग्री मुझे कभी दिखायी नहीं गई”। उन्होंने दावा किया कि उनके पति डॉ. सुरिंदर कपूर की वसीयत (2015) के आधार पर वह Sona Group की एकमात्र वारिस एवं प्रमुख शेयरधारक हैं, लेकिन कुछ लोग परिवार की अनुमति के बिना खुद को नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने Sona Comstar की 25 जुलाई को होने वाली AGM स्थगित करने की मांग की, मगर कंपनी ने इन अनुरोधों को पूरी तरह खारिज कर दिया। कंपनी ने बताया कि उन्हें रानी कपूर का पत्र 24 जुलाई देर शाम मिला था, लेकिन उनकी AGM का आयोजन Companies Act, 2013 और नियामकीय समयनियों के अनुरूप था। उन्होंने साफ किया कि रानी कपूर कंपनी की शेयरधारक नहीं हैं और इसलिए AGM स्थगित करने का कोई कानूनी आधार नहीं।
साथ ही कंपनी ने ये भी स्पष्ट किया कि AGM में संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को Non‑Executive Director के रूप में बोर्ड में शामिल किया गया — यह नियुक्ति Nomination & Remuneration Committee द्वारा पारदर्शी तरीके से की गई थी । AGM में कंपनी पूरी तरह से विनियमों का पालन करते हुए संचालित हुई और नए चेयरमैन Jeffrey Mark Overly की नियुक्ति 23 जून को सर्वसम्मति से की जा चुकी थी।
अब इस विवाद की दिशा संभावित रूप से न्यायालय की ओर मोड़ रही है। बाजार नियामक के अधिकारियों के अनुसार मामला National Company Law Tribunal (NCLT) तक पहुँच सकता है जहाँ रानी कपूर “oppression and mismanagement” के तहत कानूनी दावा पेश कर सकती हैं।
यह विवाद सिर्फ पारिवारिक रिश्तों या कंपनी बोर्ड तक सीमित नहीं है — यह एक ऐसे मुकाम पर पहुंच चुका है जहाँ भय, शक और कानूनी नियंत्रण की लड़ाई संजय कपूर के व्यवसायिक व पारिवारिक विरासत के भविष्य को तय करेगी।
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