केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने भी संसद में आठवें वेतन आयोग का हवाला दिया। 8वें वेतन आयोग की स्थापना के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में इजाफा होगा।
सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अगला महंगाई भत्ता एक जुलाई से लागू होगा। मगर, इससे पहले मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी देने की तैयारी में है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में भारी इजाफा होगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा।
8वें वेतन आयोग के दौरान कर्मचारियों की सैलरी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होगी। लोकसभा चुनाव के बाद संभावना है कि वेतन आयोग के गठन पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि बातचीत चल रही है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने भी संसद में आठवें वेतन आयोग का जिक्र किया। 8वें वेतन आयोग की स्थापना के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में भारी वृद्धि होगी। इसकी गणना पिछले वेतन आयोग के विरूद्ध की जाएगी।
चौथे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 27.6 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। इसमें न्यूनतम वेतन 750 रुपए निर्धारित किया गया था। 5वें वेतन आयोग में कर्मचारियों के वेतन में 31 फीसदी की भारी बढ़ोतरी की गई है। इसलिए उनका न्यूनतम वेतन 2550 रुपये प्रति माह हो गया।
छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 गुना तय किया गया था। इसलिए कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और मूल वेतन 7 हजार रुपये हो गया है।
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2।57 गुना बढ़ाया गया था। न्यूनतम मूल वेतन को बढ़ाकर 18,000 रुपए कर दिया गया है। कर्मचारी अब फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मगर यह 2.57 गुना पर स्थिर रहता है।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को आधार बनाया जा सकता है। इस आधार पर कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44 % की बढ़ोतरी की जा सकती है। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये या उससे अधिक हो सकता है।
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