Up Kiran, Digital Desk: आगरा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की प्रस्तावित धर्मसभा शनिवार को अचानक रद्द कर दी गई, जिससे हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु हैरान रह गए। यह फैसला प्रशासन ने कार्यक्रम शुरू होने से महज एक घंटे पहले लिया। पुलिस का कहना है कि भीड़ अनुमोदित संख्या से कहीं ज़्यादा हो गई थी, जिससे सुरक्षा को लेकर जोखिम बढ़ गया।
भीड़ की उम्मीद से चार गुना ज़्यादा संख्या
धार्मिक आयोजन के लिए बीएसएनएल ग्राउंड में सिर्फ़ दो हजार लोगों की उपस्थिति की इजाजत थी, लेकिन मैदान में करीब 10 हजार से अधिक लोग पहुंच गए। भारी भीड़ को नियंत्रित करने में मुश्किलें देखते हुए, पुलिस और प्रशासन ने कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया। इस फैसले ने जहां कई श्रद्धालुओं को निराश किया, वहीं कुछ लोगों ने प्रशासन की समय रहते की गई कार्रवाई को सही भी ठहराया।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार की कार्यशैली बनी सुर्खियों का कारण
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार आ गए हैं, जिनकी सख्त कार्यप्रणाली की चर्चा अब हर ओर हो रही है। इंटरनेट पर लोग उनके बारे में जानकारी खोजने लगे हैं। मूल रूप से बिहार के बेगूसराय के रहने वाले दीपक कुमार 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 16 अप्रैल 1979 को जन्मे कुमार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स और एलएलबी की पढ़ाई की है। खास बात यह है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा पास की थी।
अप्रैल 2025 से संभाला आगरा कमिश्नरेट का ज़िम्मा
दीपक कुमार ने अप्रैल 2025 में आगरा पुलिस कमिश्नर के रूप में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे आगरा आई रेंज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनके ज्वाइन करते ही अपराध के खिलाफ एक सख्त अभियान शुरू हुआ, जिससे अपराधियों में हड़कंप मच गया।
18 दिन में 15 एनकाउंटर, अपराधियों में दहशत
आगरा कमिश्नर का कार्यभार संभालने के बाद पहले 18 दिनों में 15 मुठभेड़ किए गए। यह आँकड़ा पुलिस की सक्रियता और अपराधियों पर लगाम कसने के इरादे को दर्शाता है। शहर में अपराध पर नकेल कसने के उनके तरीकों ने उन्हें जनता के बीच एक सख़्त प्रशासक की छवि दी है।
धर्मांतरण गिरोह पर कार्रवाई से मिली सराहना
दीपक कुमार की अगुवाई में एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का भी खुलासा हुआ, जिसकी जड़ें आगरा के साथ-साथ दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिम बंगाल तक फैली थीं। इस गिरोह का नेतृत्व कर रहे अब्दुल रहमान समेत 14 लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया। इस कार्रवाई ने धार्मिक और सामाजिक संगठनों से भी सराहना बटोरी।
शास्त्री को पहले ही दी गई थी सूचना
धीरेंद्र शास्त्री की सभा निरस्त करने से पहले पुलिस कमिश्नर ने उन्हें फ़ोन कर इसकी जानकारी दे दी थी। आयोजन स्थल में बारिश के चलते बदलाव किया गया था और नई जगह पर सभा की योजना बनाई गई थी, जिसकी सूचना आयोजकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी थी। हालांकि, भारी भीड़ को देखते हुए अंतिम समय पर अनुमति रद्द करनी पड़ी।
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