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अगर आप भी केंद्र और राज्य सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। केंद्र सरकार ने राशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

एक नए अपडेट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के अंतर्गत मोदी सरकार से प्रदेश सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी है। इस फैसले का कर्नाटक समेत कई प्रदेशों पर बुरा असर पड़ेगा, जो गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराते हैं।

केंद्र के इस निर्णय के बारे में कर्नाटक सरकार को पहले ही बता दिया गया था। कर्नाटक ने ई-नीलामी के बिना ओएमएसएस के अंतर्गत योजना के लिए जुलाई महीने के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर 13,819 टन चावल की मांग की थी।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी एक निर्देश के मुताबिक ओएमएसएस के तहत राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है।

ऐसे राज्यों को मिलेगा सस्ता अनाज:

इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि ओएमएसएस के तहत पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों के लिए बिक्री 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर जारी रहेगी।

एफसीआई ओएमएसएस के तहत निजी व्यापारियों को बाजार मूल्य कम करने के लिए आवश्यकता के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा चावल उपलब्ध कराया जा सकता है।

12 जून को, केंद्र ने 31 मार्च, 2024 तक गेहूं पर स्टॉक सीमा लगाते हुए खुले बाजार मूल्य को कम करने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल-गेहूं की घोषणा की थी।

सरकार ने निजी व्यापारियों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को केंद्र सरकार से ई-नीलामी के जरिए ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा की थी।

ओएमएसएस के तहत इन व्यापारियों को बेचे जाने वाले चावल की मात्रा निश्चित नहीं थी। केंद्र सरकार 26 जनवरी, 2023 को OMSS पॉलिसी लाई थी।

इसके अंतर्गत प्रदेसों को अपनी योजनाओं के लिए ई-नीलामी में भाग लिए बिना एफसीआई से चावल और गेहूं दोनों खरीदने की अनुमति दी गई थी।

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