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(पवन सिंह)
उत्तर प्रदेश में अपराधियों का नंगा नाच जारी है.... लेकिन मेन स्ट्रीम मीडिया हर बार खबरें छिपाता रहा और दबाता रहा...!! सत्ता पक्ष संरक्षित गुंडों ने पूरे प्रदेश में कोहराम मचा रखा है लेकिन बुल्डोजर सूंघ-सूंघ कर चलता है...!! बुल्डोजर पहले सत्ता का करेंट सूंघता है...फिर धर्म सूंघता है और फिर जाति सूंघता है...इसके बाद वह चलता है..!!

सत्ता संरक्षित गुंडों ने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा रखा है लेकिन मेन स्ट्रीम मीडिया घुटनों के बल बैठा भजन गाया रहा.. लेकिन जब अपने ही बीच का एक मीडिया छायाकार राजन पर बाकायदा उसको घर से बुलाकर जब उस पर जानलेवा हमला किया गया तो लखनऊ का मीडिया उबला और आवाज उठी..!!! 
आखिरकार बहुत सालों बाद लखनऊ के पत्रकार साथी एकजुट हुए और राजभवन तक जा पहुंचे...। राजन पर हमला हुए चार दिन बीत गये लेकिन एक "सोनकर" नामक सत्ता पोषित गुंडा पुलिस ने उठाया..!! अमूल मक्खन टाइप्स धाराएं लगाईं और पल्ला झाड़ लिया..!!!


पत्रकार साथियों ने समाचार ग्रुपों में खुलकर लिखा-
"शून्य गिरफ्तारी, और लखनऊ पुलिस की चाल ऐसी
जैसे शासन ने उसे लकवाग्रस्त घोषित कर दिया होअपराधी हवा में उड़ रहे हैं...और पुलिस जमीन में धंसी पड़ी है।
सत्ता के गलियारों में इतनी खामोशी है...मानो लोकतंत्र किसी ICU में वेंटिलेटर पर पड़ा हो। पत्रकार पर हमला नहीं हुआ— ये हमला था सिस्टम के चेहरे पर और सिस्टम ने उसी चेहरे पर मास्क चढ़ाकर कहा—“हमें कुछ दिखता नहीं!” लखनऊ की सड़कें बोल रही हैं: “अगर पुलिस का साहस मर चुका है, तो हम उसे जिंदा करने आए हैं।”


आज सैकड़ों पत्रकार सड़कों पर उतरे,तो राजधानी ने पहली बार देखा—डर जब मरता है,तो व्यवस्था की चूलें हिल जाती हैं। हजरतगंज से मुख्यमंत्री आवास तक
एक आवाज उठी—“बस! अब बहुत हो गया!” गांधी की प्रतिमा जाग गई, भीड़ उबल गई, लोकतंत्र गरज उठा—
पर अफसर? वो अपने एयर-कंडीशन्ड कमरों में शर्म और जिम्मेदारी दोनों को एयरटाइट कर के बैठे रहे।
पत्रकारों ने पूछा:“हमलावर कहाँ हैं?” और पूरा सिस्टम जैसे घुटने टेक गया। क्योंकि अपराधी नहीं छिपे..उन्हें छुपाया जा रहा है। उनके पीछे छाया नहीं..सरपरस्ती खड़ी है।
राजभवन चौराहे पर बैरिकेड लगे पर लखनऊ ने साफ देख लिया..बैरिकेडिंग सड़क रोक सकती है,
क्रांति नहीं अंत में पंकज दीक्षित आए...उसी पुराने शासन-शैली वाले वादे के साथ...“जल्द कार्रवाई होगी।”
जल्द? जल्द कब?...चार दिन बाद?...चार महीने बाद?
या तब, जब जनता सिस्टम को सिर पर उठा ले?
पत्रकारों का जवाब आज साफ था: “इस बार हम चुप नहीं बैठेंगे! अगर अपराधी गिरफ्तार नहीं हुए तो अगली बार सड़कें नहीं भरेंगी...पूरा प्रदेश उठेगा..और उस दिन न बैरिकेड बचेगा, न खामोशी, न टूटेगा हम, न रुकेगी क्रांति!”
फिलहाल NCRB के आंकड़े उत्तर प्रदेश में आसमां चूमते अपराधियों और अपराध के आंकड़ों का सच सामने रखते हैं...!! वह अलग बात है कि मीडिया सच चबा जाता है...
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत कम रही। देश में कुल अपराध दर 448.3 थी, जबकि यूपी में यह केवल 335.3 दर्ज की गई।
हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, जहाँ 3206 मामले दर्ज हुए हैं। महिलाओं के प्रति अपराधों में राज्यों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 66,381 मामले दर्ज किए गए, उसके बाद महाराष्ट्र में 47,101, राजस्थान में 45,450, पश्चिम बंगाल में 34,691 और मध्यप्रदेश में 32,342 मामले दर्ज किए गए। तेलंगाना प्रति लाख महिला जनसंख्या पर 124.9 अपराध दर के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि इसके बाद राजस्थान 114.8, ओड़ीशा 112.4, हरियाणा 110.3 तथा केरल में 86.1 अपराध दर दर्ज की गई।... लेकिन मीडिया बुल्डोजर के भजन और हिप-हाप गाता रहा...!!
कमेटी अगेंस्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट्स की एक रिपोर्ट बताती है कि 2017 में यूपी में योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने से लेकर अब तक राज्‍य में 48 पत्रकारों पर शारीरिक हमले हुए, 66 के ख़िलाफ़ केस दर्ज या उनकी गिरफ़्तारी हुई. इस दौरान 78 फीसदी मामले वर्ष 2020 और 2021 में महामारी के दौरान दर्ज किए गए. द वायर स्टाफ की एक रिपोर्ट के अनुसार  कमेटी अगेंस्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट्स की एक रिपोर्ट बताती है कि 2017 से यूपी में अब तक राज्‍य में 48 पत्रकारों पर शारीरिक हमले हुए, 66 के ख़िलाफ़ केस दर्ज या उनकी गिरफ़्तारी हुई जबकि इस दौरान 78 फीसदी मामले वर्ष 2020 और 2021 में महामारी के दौरान दर्ज किए गए...!! इसके बाद भी मीडिया भजन और सुरमई गीत गाता रहा...!! और अब नौबत आ गई कि सत्ता संरक्षित गुंडों ने लखनऊ में राजन को घर से बाहर बुलाकर जानलेना हमला कर दिया...!! आखिर में पत्रकारों को निकलना ही पड़ा और यह मामला अब बड़ा रुख अख्तियार कर रहा है...!!! 
जलते घर को देखने वालों 
फूस का छप्पर आपका है, आपके पीछे तेज हवा है 
आगे मुकद्दर आपका है
उस के कत्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया
मेरे कत्ल पे आप भी चुप है अगला नम्बर आपका है... 
मशहूर शायर डॉ. नवाज देवबंदी..✍????✍????