भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने चंद्रयान थ्री की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। इसरो प्रमुख ए।एस। सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान थ्री की लॉन्चिंग जुलाई के दूसरे या तीसरे हफ्ते में हो सकती है। इसी बीच इसरो ने अपने पहले स्थल मिशन को लेकर भी बड़ा एलान कर दिया है।
इसरो चीफ सोमनाथ ने बताया कि अगस्त महीने के आखिर तक आदित्य एलेवन मिशन के लिए भी पेलोड तैयारी कर रहे हैं। मीडिया से बातचीत में सोमनाथ ने आदित्य एलेवन मिशन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, सैटेलाइट्स को अब इंटिग्रेट किया जा रहा है और अलग अलग एजेंसियों की तरफ से डेवलप किए गए पेलोड सेटेलाइट सेंटर पहुंच रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद सभी इक्विपमेंट्स वाइब्रेशन जैसे कई टेस्ट से होकर गुजरेंगे। सोमनाथ ने बताया कि आदित्य इलेवन मिशन के लिए अगस्त तक उनका टारगेट है। आदित्य इलेवन स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एलेवन ऑर्बिट में रखा जाएगा। यानी सूरज और धरती के सिस्टम के बीच मौजूद पहला लोरेंजी प्वाइंट। यहीं पर आदित्य इलेवन को तैनात किया जाएगा।
अंतरिक्ष यान को सूर्य पृथ्वी सिस्टम के नॉलेज प्वाइंट वन यानी एलेवन के चारों तरफ एक हैलो ऑर्बिट में रखा जाएगा, जो हमारे ग्रह से लगभग वन प्वाइंट फाइव मिलियन किलोमीटर दूर है। इलेवन प्वाइंट के आसपास स्थित एक सेटेलाइट से सूर्य को बिना किसी ग्रहण के निरंतर देखा जा सकता है। मिशन में सूर्य के कोरोना क्रोमोसोम भी है और फोटो भी है। इससे निकलने वाले कण प्रवाह और चुंबकीय क्षेत्र की ताकत की स्टडी की जा सकती है।
वहीं चंद्रयान मिशन की बात की जाए तो चंद्रयान थ्री मिशन, चंद्रयान दो मिशन का फॉलो ऑन मिशन है। इसे चांद पर सेफ लैंडिंग कर उसकी सतह पर घूमना है और घूमकर उसे समझना है। इस मिशन से चंद्रमा की सतह को और बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। इसरो ने कहा कि चंद्रयान थ्री अंतरिक्ष यान पूरी तरह से तैयार है। सोमनाथ ने कहा, अभी रॉकेट के साथ ही से जोड़ा जा रहा है और संभवतः यह काम और दो दिन में पूरा हो जाएगा। फिर हमें जांच कार्यक्रम में जाना है। उन्होंने कहा कि रॉकेट से जोड़े जाने के बाद सिलसिलेवार जांच भी की जाएगी।
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