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Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं, स्कूलों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को एक बेहतर और टिकाऊ भविष्य के लिए तैयार करें। इसका एक बेहतरीन तरीका है विज्ञान के प्रोजेक्ट्स, जो बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि असल जिंदगी में काम आने वाले समाधान भी सिखाते हैं। इन प्रोजेक्ट्स के लिए सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी एक बहुत ही अच्छा और आसान विषय है।

सौर ऊर्जा साफ, कभी न खत्म होने वाली और हर जगह मौजूद है। जब बच्चे स्कूलों में सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स बनाते हैं, तो वे इस प्राकृतिक ताकत का इस्तेमाल करना सीखते हैं। साथ ही, उनकी सोचने-समझने की क्षमता, créativité और कुछ नया बनाने का हुनर भी बढ़ता है। चाहे सोलर कुकर बनाना हो, खुद का फोन चार्जर तैयार करना हो या फिर सौर ऊर्जा से चलने वाला एक छोटा सा घर बनाना हो—ये सभी प्रोजेक्ट्स न सिर्फ मजेदार हैं, बल्कि बच्चों में हमेशा के लिए नई टेक्नोलॉजी के प्रति दिलचस्पी भी जगा सकते हैं।

स्कूलों में सोलर प्रोजेक्ट्स इतने जरूरी क्यों हैं?

विज्ञान के प्रोजेक्ट्स बच्चों को क्लासरूम के बाहर भी बहुत कुछ सिखाते हैं, और सोलर एनर्जी वाले प्रोजेक्ट्स तो कई मायनों में खास हैं। सबसे पहली बात, ये प्रोजेक्ट्स विज्ञान के सिद्धांतों को असल जिंदगी में दिखाते हैं। जब बच्चे सूरज की रोशनी से खाना पकाते हैं या अपना फोन चार्ज करते हैं, तो वे ऊर्जा का बदलना, गर्मी का ट्रांसफर और फोटोवोल्टिक सेल जैसी चीजों को अपनी आँखों से देखते हैं।

ये प्रोजेक्ट्स पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। बच्चे समझते हैं कि रिन्यूएबल और नॉन-रिन्यूएबल एनर्जी में क्या फर्क है, कार्बन फुटप्रिंट कम करना क्यों जरूरी है और हमें प्रकृति को बचाने के लिए क्या करना चाहिए। इसके अलावा, जब बच्चे सोलर एनर्जी पर काम करते हैं, तो वे कुछ नया सोचने और डिजाइन करने के लिए प्रेरित होते हैं। वे अपनी créativité का इस्तेमाल करके असली समस्याओं का हल ढूंढते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि ये प्रोजेक्ट्स बहुत महंगे नहीं होते और इनका सामान आसानी से घर पर या बाजार में कम कीमत पर मिल जाता है।

छात्रों के लिए आसान DIY सोलर प्रोजेक्ट्स

यहाँ कुछ ऐसे सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स दिए गए हैं, जिन्हें मिडिल और हाई स्कूल के बच्चे आसानी से बना सकते हैं।

1. सोलर कुकर यह क्या है:सोलर कुकर एक ऐसा उपकरण है, जो सूरज की रोशनी का इस्तेमाल करके खाना पकाने या गर्म करने के काम आता है। इससे गर्मी को सोखने, उसे एक जगह इकट्ठा करने और अंदर बनाए रखने के सिद्धांत समझ आते हैं।

जरूरी सामान: गत्ते के डिब्बे, एल्युमिनियम फॉयल
काला कागज
 प्लास्टिक रैप या कांच का ढक्कन
टेप, कैंची और गोंद

यह कैसे काम करता है:सूरज की रोशनी फॉयल से टकराकर एक काली सतह पर पड़ती है, जहाँ गर्मी सोख ली जाती है। ऊपर लगा पारदर्शी ढक्कन इस गर्मी को बाहर नहीं निकलने देता, जिससे अंदर का तापमान बढ़ जाता है और खाना पकने लगता है।

इससे क्या सीखने को मिलता है:बच्चे सोलर रेडिएशन, इंसुलेशन, ग्रीनहाउस इफेक्ट और रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल के बारे में सीखते हैं।

2. सोलर मोबाइल चार्जरयह क्या है:यह एक छोटा सा चार्जर है, जो सोलर पैनल की मदद से आपके फोन जैसे डिवाइस को चार्ज करता है।

जरूरी सामान: छोटा सोलर पैनल (5V)
USB चार्जिंग मॉड्यूल
 रीचार्जेबल बैटरी (जरूरी नहीं)
 तार, सोल्डरिंग मशीन और स्विच

यह कैसे काम करता है:सोलर पैनल सूरज की रोशनी को बिजली में बदलता है। यह बिजली या तो सीधे आपके फोन को चार्ज करती है या बैटरी में स्टोर हो जाती है, ताकि आप बाद में भी इस्तेमाल कर सकें।

इससे क्या सीखने को मिलता है:यह प्रोजेक्ट बिजली के सर्किट, ऊर्जा का एक रूप से दूसरे में बदलना (सौर से बिजली) और फोटोवोल्टिक टेक्नोलॉजी के बारे में सिखाता है।

3. सोलर एनर्जी से चलने वाला घर का मॉडल

यह क्या है:यह एक घर का छोटा सा मॉडल है, जिसमें सोलर पैनल लगे होते हैं और उनसे LED लाइटें या छोटे पंखे जैसी चीजें चलती हैं।

जरूरी सामान: घर बनाने के लिए गत्ता या लकड़ी
 छोटे सोलर पैनल
LED लाइटें
तार, गोंद और सजावट के लिए पेंट

यह कैसे काम करता है:सोलर पैनल घर के अंदर लगी लाइटों को बिजली देता है। यह दिखाता है कि असली घर भी कैसे सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे क्या सीखने को मिलता है:बच्चे सोलर आर्किटेक्चर, सस्टेनेबल डिजाइन और ऊर्जा बचाने के तरीकों के बारे में सोचते और सीखते हैं।

प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए कुछ टिप्स

आखिरी शब्द: सौर ऊर्जा सिर्फ विज्ञान की किताबों का एक टॉपिक नहीं है, बल्कि यह एक बेहतर भविष्य का रास्ता है। जब स्कूल बच्चों को ऐसे आसान और असरदार सोलर प्रोजेक्ट्स में शामिल करते हैं, तो वे सिर्फ विज्ञान ही नहीं सीखते, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझते हैं। ये DIY प्रोजेक्ट्स विज्ञान को मजेदार और प्रासंगिक बनाते हैं, जिससे बच्चे सोचने पर मजबूर होते हैं कि ऊर्जा कैसे काम करती है और वे इसमें क्या बदलाव ला सकते हैं। चाहे सूरज की धूप में नाश्ता पकाना हो या बिना बिजली के फोन चार्ज करना, ये अनुभव एक हरे-भरे कल की नींव रखते हैं।