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पिछले 12 दिनों में मध्यपूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच झड़पें हुईं, जिनमें अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ। लेकिन सवाल है — इस झड़प में सबसे ज्यादा कौन फायदा और कौन नुकसान में रहा?

✅ सबसे बड़ा ‘विनर’ — इज़रायल
इज़रायल ने इस सैन्य अभियान में बड़े लक्ष्य हासिल किए — उसने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर दबाव बनाया, कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और आकाशीय नियंत्रण बहाल किया  । प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने साफ कहा कि ज़रूरत पड़ी तो कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी  । इसके अलावा, उसने गाज़ा में हमास पर भी हमला जारी रखा, जिससे उसकी सैन्य साख बनी रही।

⚖️ अमेरिका की जीत–न्युट्रल लेकिन रणनीतिक लाभ
अमेरिका ने इज़रायल को भारी सहायता दी—विकासशील कुटनीति के साथ-साथ एयर स्ट्राइक में भी सहयोग  । ट्रम्प ने इस मध्यस्थता को "कूटनीतिक सफलता" बताया और संघर्ष को रोकने में अहम भूमिका निभाई  ।

❌ सबसे बड़ा ‘लूजर’ — ईरान
ईरान को इस लड़ाई में कई मोर्चों पर नुकसान उठाना पड़ा। उसकी मिसाइल लॉन्च क्षमता प्रभावित हुई, कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए और लीबन में उसका प्रभाव कम हुआ  । साथ ही उसकी ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ कमजोर हुई — हमास और हिज़बुल्लाह को बड़ा झटका लगा  । कुछ विश्लेषकों ने कहा कि ईरान की कूटनीतिक भूमिका अलग‑अलग क्षेत्रों में कमजोर हुई  ।
 

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