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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में इन दिनों मानसून का ऐसा रौद्र रूप देखने को मिल रहा है, जिसने पूरे राज्य में हाहाकार मचा दिया है। भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव के कारण अब तक 12 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है, जबकि चंबल क्षेत्र से 6 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि कोटा और पाली जैसे जिलों में स्कूलों को बंद करना पड़ा है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट (Skymet) ने अगले कुछ दिनों तक राजस्थान में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

बाढ़ और जलभराव का व्यापक असर:
राज्य के कई हिस्सों में, खासकर कोटा, पाली, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर और भरतपुर जैसे जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों पर कई फीट पानी भर गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। कई निचले इलाकों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को भारी नुकसान हुआ है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।

नदियां उफान पर, बांधों के गेट खुले:
लगातार बारिश के कारण चंबल, कालीसिंध और परवन जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके चलते कई बांधों, जैसे कोटा बैराज, के गेट खोलने पड़े हैं। बांधों से छोड़े गए पानी ने निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है। पानी के तेज बहाव के कारण कई छोटे पुल और पुलिया डूब गए हैं, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है।

राहत और बचाव कार्य जारी:
आपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार बचाव और राहत कार्य चला रही हैं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने का काम युद्धस्तर पर जारी है। सेना को भी कुछ अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए बुलाया गया है।

फसलों को भारी नुकसान:
इस बेमौसम और अति भारी बारिश से किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरने से खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा संकट आ गया है। प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और किसानों को उचित मुआवजे का आश्वासन दिया गया है।

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