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Up Kiran, Digital Desk: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति और महत्वपूर्ण सुधारों की दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। खासकर उन्होंने आयकर कानूनों में हुए व्यापक सुधारों का जिक्र किया, जिसमें 280 से अधिक अप्रासंगिक धाराओं को समाप्त कर आम नागरिकों के लिए टैक्स प्रणाली को सरल और लाभकारी बनाया गया है।

PM ने इस बदलाव को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए बताया कि इससे आम जनता और कारोबार दोनों को फायदा होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दीवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में अगली पीढ़ी के सुधार लागू किए जाएंगे, जिससे छोटे और मझोले व्यापारियों को राहत मिलेगी और दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी।

टैक्स प्रणाली की सरलता से मिलेगी आम आदमी को राहत

पीएम मोदी ने विस्तार से बताया कि भारत में टैक्स दो प्रकार के होते हैं डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स। डायरेक्ट टैक्स में आयकर, प्रॉपर्टी टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स जैसी कई श्रेणियां शामिल हैं, वही इनडायरेक्ट टैक्स में जीएसटी, कस्टम ड्यूटी और एक्साइज टैक्स जैसे कर आते हैं, जिन्हें उपभोक्ता अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के दौरान देते हैं।

रोचक तथ्य ये है कि एक आम नागरिक अपने दिन भर की गतिविधियों में करीब 25 तरह के टैक्स चुकाता है, जो सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक सरकार की आय में जुड़ते रहते हैं।

भारत का टैक्स भुगतान विश्व स्तर पर कैसा है

आर्थिक विश्लेषण बताते हैं कि भारत में केवल सात प्रतिशत मतदाता ही टैक्स भरते हैं। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान के अनुसार, भारत जल्द ही जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।

टैक्स का मूल मकसद आर्थिक असमानता को कम करना और सरकार को संसाधन प्रदान करना है ताकि वह गरीब और जरूरतमंद वर्गों की मदद कर सके। PM मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सरकार की नीतियां हमेशा ऐसे होंगी जो देश के हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाएंगी।

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