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मुंबई इंडियंस के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली कैपिटल्स ने जीत की राह पर वापसी की। ठीक उसी तरह जैसे वे पिछले मैच में हारे थे - एक टीम मैच के 70 प्रतिशत समय तक हावी रही, मगर दूसरी टीम ने मैच पर पकड़ बनाए रखी और आपको पता भी नहीं चला कि उन्होंने मैच पर कब्ज़ा कर लिया है।
आखिरी तीन ओवरों में 28 रन चाहिए थे। तो वहीं बीच में दो बल्लेबाज़ और आठ विकेट थे, 10 में से 9 बार, पीछा करने वाली टीम को जीत की उम्मीद थी, जब तक कि आप उन 18 गेंदों में से 12 गेंदों पर मिशेल स्टार्क का सामना न कर रहे हों।
स्टार्क विदेशों में बहुत ज़्यादा पैसे कमाने वाले तेज़ गेंदबाज़ हैं। उन्होंने एक के बाद एक यॉर्कर फेंकी, सबसे पहले 18वें ओवर में अर्धशतक जड़ने वाले नितीश राणा को आउट किया। फिर खेल को सुपर ओवर में ले गए, जब उनके पास बचाव के लिए महज नौ रन थे। स्टार्क को फिर से ज़िम्मेदारी दी गई और भले ही राजस्थान रॉयल्स कुछ बाउंड्री लगाने में सफल रहे, मगर कैपिटल्स ने अंत में कुछ रन आउट करके मेहमानों को महज 11 रन पर रोक दिया।
कैपिटल्स को हफ्ते के किसी भी दिन 12 रन की जरूरत होती और उन्हें हासिल करने में सिर्फ चार गेंदें लगीं और वे तालिका में शीर्ष पर पहुंच गए। यह सुपर ओवर में दिल्ली कैपिटल्स की चौथी जीत थी। तो वहीं आईपीएल में किसी भी टीम द्वारा सबसे अधिक है। इसने पंजाब किंग्स को पीछे छोड़ दिया, जो तीन मौकों पर वन-ओवर एलिमिनेटर में शीर्ष पर आ चुके हैं।
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