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Up Kiran Digital Desk: भारत-नेपाल सीमा एक बार फिर मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर चर्चा में है। नेपाल के सुनसरी जिले में भारतीय नंबर प्लेट वाले एक एम्बुलेंस से 180 किलो गांजा की बड़ी खेप पकड़ी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह एम्बुलेंस बिहार के अररिया जिले से नेपाल में दाखिल हुई थी और इसका इस्तेमाल एक सुनियोजित तस्करी नेटवर्क के हिस्से के रूप में किया गया।
एम्बुलेंस की आड़ में नशे का खेल
शनिवार देर रात, नेपाल के सुनसरी जिला पुलिस कार्यालय को गुप्त सूचना मिली कि भारत से एक संदिग्ध एम्बुलेंस गांजा लेकर नेपाल की सीमा में प्रवेश कर रही है। सूचना मिलते ही इटहरी, पकली और रामधुनी क्षेत्र की संयुक्त पुलिस टीम ने इलाके की सभी मुख्य सड़कों को रातभर सील कर वाहनों की तलाशी शुरू की।
जांच के दौरान BR 38 P 5414 नंबर की एम्बुलेंस को रोका गया। पहली नज़र में यह सामान्य एम्बुलेंस प्रतीत हो रही थी, लेकिन अंदर छिपाकर रखे गए 30-30 किलो के 6 पैकेट गांजा बरामद किए गए। कुल वजन 180 किलो निकला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।
गिरफ्तार ड्राइवर और सीमा पार कनेक्शन
इस कार्रवाई में 25 वर्षीय चालक राजकुमार साह (निवासी: बराह क्षेत्र नगरपालिका, नेपाल) को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि एम्बुलेंस का मालिक इमाम नामक व्यक्ति है, जो बिहार के अररिया जिले के बसमतिया का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार इमाम नेपाल में पूर्व में भी ड्रग्स मामलों में जेल जा चुका है।
सीमा पर लगातार बढ़ रही है तस्करी
यह घटना कोई एकल मामला नहीं है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र, विशेषकर अररिया, किशनगंज, फारबिसगंज और बिराटनगर जैसे इलाकों में गांजा और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी लगातार बढ़ रही है। सीमा की खुली व्यवस्था, सांठगांठ और कानून का डर खत्म हो जाने से तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
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