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Up Kiran, Digital News: क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम चैन से सोते हैं तब हमारी सरहदों की रखवाली कौन करता है? सिर्फ जवान ही नहीं बल्कि अब आसमान में तैरते भारतीय उपग्रह भी हर पल हमारी सुरक्षा में लगे हुए हैं। हाल ही में इसरो (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने एक अहम बयान देकर सबका ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि कम से कम 10 भारतीय उपग्रह 24x7 निगरानी कर रहे हैं ताकि देश की सीमाएं और तटरेखा सुरक्षित बनी रहे।
7000 किलोमीटर समुद्र तट और उत्तरी सीमाओं की लगातार निगरानी
इम्फाल मणिपुर में आयोजित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के पांचवें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए वी. नारायणन ने भारत के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों पर खुलकर बात की।
उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो हमें अपने उपग्रहों के ज़रिए सेवा देनी होगी। हमें अपने समुद्र तटीय इलाकों की निगरानी करनी होगी। हमें पूरे उत्तरी हिस्से की लगातार निगरानी करनी होगी।
भारत की 7000 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा और उत्तरी सीमाएं विशेषकर चीन और पाकिस्तान से लगती बॉर्डर लगातार चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ऐसे में अंतरिक्ष से मिलने वाली रियल-टाइम इंटेलिजेंस भारत की रणनीतिक तैयारियों को मजबूती देती है।
सैटेलाइट और ड्रोन: आधुनिक युद्ध के नए योद्धा
नारायणन ने यह भी स्पष्ट किया कि उपग्रह और ड्रोन आज के दौर में सिर्फ निगरानी के साधन नहीं हैं बल्कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम रणनीतिक उपकरण बन चुके हैं।
भारत जैसे देश के लिए जहां कई मोर्चों पर एक साथ सजग रहना जरूरी है। ड्रोन और सैटेलाइट्स के ज़रिए हवाई नजर बनाए रखना एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है।
सरहद पार घुसपैठ आतंकवादियों की मूवमेंट समुद्री तस्करी और विदेशी नौसेनाओं की गतिविधियां — ये सभी इस निगरानी से पकड़ में आती हैं और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई मुमकिन होती है।
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