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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक नया विवाद उभर कर सामने आ रहा है, जहां हुमायूँ कबीर द्वारा प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय बड़ी मात्रा में दान दे रहा है। सोमवार को दान पेटियाँ खोलने का दूसरा दिन था और शिलान्यास समारोह के महज़ दो दिनों में दान की राशि 2.85 करोड़ रुपये से अधिक पहुँच चुकी है। इस मस्जिद निर्माण योजना ने राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है, और इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी शुरू हो गए हैं।

75 लाख से ज्यादा दान, 30 लोगों की टीम करती है गिनती

कबीर के शक्ति नगर स्थित आवास पर आयोजित इस दान प्रक्रिया में नकद राशि गिनने के लिए 30 लोगों की एक टीम तैनात की गई थी। पहले दिन कुल 37.33 लाख रुपये गिने गए थे, जबकि दूसरे दिन यह राशि 38.34 लाख रुपये तक पहुँच गई। कुल मिलाकर, दोनों दिनों में 75.67 लाख रुपये की राशि गिन ली गई। इसके अलावा, बैंक खातों के माध्यम से भी दान दिया जा रहा है, जिससे सोमवार दोपहर तक जमा राशि 2.10 करोड़ रुपये को पार कर चुकी थी।

राजनीतिक विवाद और ध्रुवीकृत माहौल

हुमायूँ कबीर ने 6 दिसंबर को रेजिनगर मस्जिद की आधारशिला रखी, जो कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस की बरसी के दिन थी। इस तारीख को चुनने पर राजनीतिक माहौल में और भी उबाल आया। इस कदम ने पहले से ही ध्रुवीकृत चुनावी राज्य बंगाल में तनाव को और बढ़ा दिया है। कबीर, जो पहले तृणमूल कांग्रेस के विधायक रहे थे, 2012 में भाजपा में शामिल हुए थे, और फिर 2020 में तृणमूल कांग्रेस में लौटे। उनका यह राजनीतिक सफर कई बार विवादों में घिर चुका है, और अब इस मस्जिद के निर्माण के फैसले ने उनकी स्थिति और भी जटिल कर दी है।

आधिकारिक जानकारी और पारदर्शिता का दावा

कबीर ने कहा कि दान की गिनती पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है, और इसके सीधे प्रसारण का भी इंतजाम किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि दान केवल भारत के अंदर से नहीं, बल्कि विदेशों से भी आ रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, जमा की गई राशि को सीसीटीवी निगरानी वाले सुरक्षित कमरे में रखा जाएगा और बैंकों के साथ इस संबंध में बातचीत की जा रही है।