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Up Kiran, Digital Desk: सोनो प्रखंड मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बंदरमारा में छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में केवल तीन कमरे उपलब्ध हैं, जबकि यहां कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई संचालित की जाती है।

कुल नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 328 है और उनके लिए सिर्फ चार शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत हैं। कमरे की कमी के कारण तीन ही कमरे में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को बैठाकर पढ़ाना पड़ता है, जिससे न तो विद्यार्थियों को अध्ययन का उपयुक्त माहौल मिल पाता है और न ही शिक्षक उचित तरीके से शिक्षण कर पा रहे हैं।

खस्ता भवन और बुनियादी सुविधाओं का अभाव
विद्यालय का भवन कई स्थानों से खस्ता हो चुका है, जिससे हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। शौचालय की स्थिति भी चिंताजनक है। कुल तीन शौचालयों में से एक पूरी तरह से खस्ता हालत में है।

वहीं, विद्यालय परिसर में लगे चापाकल भी खराब हो चुके हैं, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को पीने के पानी की कठिनाई हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में खेल मैदान तक नहीं है, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है।

नेटवर्क की समस्या से वृद्धि हुई कठिनाई
विद्यालय के प्रधानाचार्य छोटेलाल ने बताया कि इस क्षेत्र में नेटवर्क की भी गंभीर समस्या है। इंटरनेट सुविधा के अभाव में शिक्षा कोष और यू-डाइस प्लस पर विद्यार्थियों के नामांकन व अन्य आवश्यक प्रविष्टियां करने के लिए उन्हें 15 किलोमीटर दूर बीआरसी जाना पड़ता है। इससे समय और संसाधनों का अपव्यय होता है।

साथ ही प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित होते हैं। ग्रामीण हेमराज राय, मनोज आदि ने बताया कि विद्यालय का निर्माण 1985 में हुआ था। उस समय विद्यार्थियों की संख्या कम थी, लेकिन अब नामांकन बढ़ने के बावजूद अतिरिक्त कक्षों का निर्माण नहीं किया गया।

विभाग की चुप्पी से ग्रामीणों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही नए भवन और आवश्यक सुविधाएं प्रदान नहीं की गईं तो विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। ग्रामीणों ने विभाग से जल्द अतिरिक्त कक्ष निर्माण कर अध्ययन को सुचारू रूप से जारी रखने की अपील की है।