img

Up Kiran, Digital Desk: देवभूमि हिमाचल प्रदेश इस साल मानसून की भीषण मार झेल रहा है। राज्य के मंडी जिले में स्थिति विशेष रूप से गंभीर बनी हुई है, जहाँ मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 46 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 27 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

मंडी जिले में जगह-जगह भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) और बादल फटने जैसी घटनाओं ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण बचाव और राहत कार्यों में भी बाधा आ रही है, जिससे लापता लोगों की तलाश और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। कई सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे दूरदराज के इलाकों से संपर्क कट गया है। बिजली और संचार व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने और फंसे हुए लोगों तक मदद पहुँचाने का प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

यह त्रासदी हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और खेती-बाड़ी को भारी नुकसान पहुंचा है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

--Advertisement--