Up Kiran, Digital Desk: सर्दियां सिर्फ स्वेटर, शॉल और अलाव का मौसम नहीं होतीं। यह मौसम होता है उन खासियतों का, उन महकों का और उन स्वादों का जो साल भर याद आते हैं और जिनके बिना सर्दियां अधूरी सी लगती हैं। आज की दौड़-भाग वाली जिंदगी में भले ही हम सुबह-सुबह जल्दबाजी में एक कप कॉफी और ब्रेड-बटर खाकर काम पर निकल जाते हों, लेकिन सर्द हवाओं के चलते ही हमारा दिल और पेट, दोनों को मां या दादी-नानी के हाथ के बने उस पुराने, पारंपरिक नाश्ते की याद आने लगती है।
यह सिर्फ खाना नहीं, यह वो एहसास है जो हमें बचपन की गर्म और आरामदायक सुबहों में वापस ले जाता है। चलिए, आज उन ही कुछ भूले-बिसरे, लेकिन दिल के करीब रहने वाले सर्दियों के नाश्ते की यादें ताजा करते हैं।
1. परांठों का राज (हर तरह के परांठे)
सर्दियों के नाश्ते का राजा अगर किसी को कहा जा सकता है, तो वो है 'पराठा'। आलू का गर्मा-गरम परांठा, जिस पर घर का बना सफेद मक्खन पिघल रहा हो, साथ में दही और आम का अचार... यह सिर्फ नाश्ता नहीं, एक इमोशन है। सर्दियों में ही बाजार में ताजी-ताजी गोभी, मूली और मेथी आती है और फिर शुरू होता है स्टफ्ड परांठों का वो दौर जो हमें किसी भी महंगे रेस्टोरेंट के खाने से ज्यादा खुशी देता है। इन परांठों से उठती घी की सौंधी-सौंधी महक आज भी हमें बचपन की उस रसोई में खींच ले जाती है, जहां मां हमारे लिए परांठे सेक रही होती थीं।
2. गर्मा-गरम हलवे का जादू (सूजी और गाजर)
मिठाई होने के बावजूद, सर्दियों में अक्सर सुबह के नाश्ते में गर्मा-गरम सूजी का हलवा मिल जाता था। घी में भुनी हुई सूजी और चीनी की चाशनी में पगे हुए मेवों वाला वो हलवा शरीर में ऐसी गर्मी और ऊर्जा भर देता था कि दिन बन जाता था। और अगर गाजर का मौसम हो, तो फिर 'गजरेला' या गाजर के हलवे की तो बात ही कुछ और है। यह वो शाही नाश्ता था जो हफ्ते में एक बार जरूर बनता था और जिसके लिए हम बच्चे बेसब्री से इंतजार करते थे।
3. पोहा, लेकिन सर्दियों वाले मटर के साथ
पोहा और उपमा वैसे तो साल भर बनने वाले नाश्ते हैं, लेकिन सर्दियों में इनका स्वाद दोगुना हो जाता है। इसका कारण है ताजे, मीठे और हरे-हरे मटर के दाने। सर्दियों की सुबह में नर्म पोहे के साथ जब मटर के ये दाने मुंह में आते थे, तो एक अलग ही ताजगी महसूस होती थी। यह एक हल्का-फुल्का लेकिन पौष्टिक नाश्ता था जो मिनटों में तैयार हो जाता था।
सिर्फ पेट नहीं, रूह को भरता था वो नाश्ता
आज के इंस्टेंट नूडल्स और ओट्स के जमाने में ये नाश्ते शायद थोड़े पुराने लग सकते हैं, लेकिन सच तो यह है कि इनमें सिर्फ स्वाद और सेहत ही नहीं, बल्कि बनाने वाले का ढेर सारा प्यार और अपनापन भी मिला होता था। यह वो नाश्ता था जिसे पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाता था, बातें करता था और सर्दियों की धूप का मजा लेता था।
तो इस सर्दी, क्यों न एक सुबह अपनी पुरानी यादों को फिर से जिया जाए? एक कप अदरक वाली चाय बनाएं और साथ में अपनी पसंद का वो पुराना वाला नाश्ता, जो आपको आपकी मां की याद दिला दे।

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