
Up Kiran, Digital Desk: 1983 में जब कपिल देव की टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था, तो उसने भारत में क्रिकेट की तस्वीर हमेशा के लिए बदल दी थी. फिर 2011 में जब धोनी की कप्तानी में भारत ने घरेलू मैदान पर वर्ल्ड कप उठाया, तो क्रिकेट एक खेल से बढ़कर जुनून बन गया. आज वैसा ही एक बड़ा मौका भारतीय महिला क्रिकेट टीम के दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है.
भारत 2025 में महिला वनडे वर्ल्ड कप की मेज़बानी कर रहा है, और यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है, बल्कि एक क्रांति लाने का सुनहरा अवसर है. जैसे 2011 की जीत ने पुरुषों के क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुँचाया, वैसे ही 2025 की जीत भारत में लड़कियों के लिए खेल की दुनिया को पूरी तरह से बदल सकती है.
WPL ने रखी मज़बूत नींव
2023 में शुरू हुई विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) ने महिला क्रिकेट के लिए वही काम किया है, जो IPL ने पुरुषों के क्रिकेट के लिए किया था. WPL ने लड़कियों को एक ऐसा बड़ा प्लेटफॉर्म दिया है, जहाँ वे दुनिया की बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ खेलकर अपने हुनर को निखार रही हैं और साथ ही आर्थिक रूप से भी मज़बूत हो रही हैं.
अब जब WPL के ठीक दो साल बाद भारत अपनी ज़मीन पर वर्ल्ड कप खेलने जा रहा है, तो माहौल पूरी तरह से तैयार है. अगर भारतीय टीम यह वर्ल्ड कप जीत जाती है, तो इसके कई गहरे और दूर तक जाने वाले मायने होंगे:
बदलेगी सोच, बढ़ेंगी बेटियां: जैसे 2011 की जीत के बाद हर गली-मोहल्ले में लड़के क्रिकेटर बनने का सपना देखने लगे थे, वैसे ही 2025 की जीत देश की लाखों लड़कियों को बैट-बॉल उठाने के लिए प्रेरित करेगी. यह उन सामाजिक बंधनों को तोड़ने में मदद करेगा जो आज भी लड़कियों को खेलों में आगे बढ़ने से रोकते हैं.
पैसों और सुविधाओं की बारिश: जीत के बाद सरकार और प्राइवेट कंपनियां महिला क्रिकेट में दिल खोलकर निवेश करेंगी. इससे बेहतर स्टेडियम, ट्रेनिंग अकेडमी और ज़मीनी स्तर पर लड़कियों को पहले से ज़्यादा मौके मिलेंगे.
सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, हर खेल को मिलेगा फायदा: जब महिला टीम वर्ल्ड कप जीतेगी, तो मीडिया में महिला खिलाड़ियों को ज़्यादा कवरेज मिलेगी. इससे दूसरे खेलों में भी लड़कियों के लिए प्रोफेशनल लीग शुरू करने और स्पॉन्सरशिप हासिल करने में मदद मिलेगी. यह भारत में महिला एथलीट्स का दर्जा बढ़ाएगा.
क्या हम जीत सकते हैं: बिलकुल! भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप में सबसे मज़बूत दावेदारों में से एक है. स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर जैसी अनुभवी बल्लेबाज़ों के साथ दीप्ति शर्मा और रेणुका सिंह जैसी धारदार गेंदबाज़ टीम को एक शानदार संतुलन देती हैं.
घरेलू मैदान और हज़ारों फैंस का सपोर्ट टीम के लिए सबसे बड़ा प्लस पॉइंट होगा. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमें हमेशा की तरह कड़ी चुनौती पेश करेंगी, लेकिन WPL से मिले अनुभव और आत्मविश्वास के साथ, भारतीय टीम में वो सब कुछ है जो 2011 के इतिहास को दोहराने और महिला क्रिकेट में एक नया अध्याय लिखने के लिए ज़रूरी है. बस ज़रूरत है, सही समय पर सही प्रदर्शन करने की और दबाव में न बिखरने की.