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Up Kiran, Digital Desk: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। मतदान दो चरणों में होगा। पहला चरण 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरा 11 नवंबर को होगा। मतगणना की प्रक्रिया 14 नवंबर को पूरी होगी।
राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियाँ तेज कर दी हैं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी महागठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों ही गठबंधनों के बीच विचार-विमर्श जोरों पर है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA की उम्मीदें, राजद के लिए सत्ता वापसी की जंग
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए बेहद अहम साबित होंगे। जहाँ मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (JD-U) प्रमुख नीतीश कुमार की अगुवाई में NDA एक बार फिर सत्ता में आने का लक्ष्य रखता है, वहीं महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लंबे समय बाद सत्ता में लौटने की कोशिश में है।
राजद ने आखिरी बार 2000 में विधानसभा चुनाव जीता था, जब उन्हें 124 सीटें मिली थीं। बाद में 2005 के फरवरी और अक्टूबर में दो बार चुनाव हुए, जिनमें राजद की सीटें लगातार घटती गईं।
2005: बिहार में दो विधानसभा चुनाव हुए, राजद की सीटें गिरीं
2005 में बिहार में दो बार विधानसभा चुनाव होना एक अनोखी घटना थी। फरवरी में हुए पहले चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी, क्योंकि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।
उस चुनाव में राजद को 75 सीटें मिलीं, जबकि JD-U, BJP, LJP और कांग्रेस को क्रमशः 55, 37, 29 और 10 सीटें मिलीं।
अक्टूबर 2005 का चुनाव: NDA की बड़ी जीत, राजद कमजोर
फरवरी में बहुमत न बनने के कारण अक्टूबर 2005 में फिर चुनाव कराए गए। इस बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA ने भारी सफलता पाई। JDU को 88 सीटें मिलीं, BJP ने 55 सीटें जीतीं।
राजद की सीटें घटकर 54 रह गईं, जबकि LJP और कांग्रेस को क्रमशः 10 और 9 सीटें मिलीं। इस चुनाव ने बिहार की राजनीति में नया समीकरण स्थापित किया।