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अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले धार्मिक नेता के रूप में पहचाने जाने वाले स्वामी नित्यानंद एक बार फिर चर्चा में हैं। 2019 में स्वामी नित्यानंद के विरूद्ध रेप और अपहरण का केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपना अलग देश बना लिया।

खबरों के अनुसार, नित्यानंद अब दावा कर रहा है कि उसका काल्पनिक देश कैलास इक्वाडोर के एक द्वीप पर बना हुआ है। इसे संयुक्त राष्ट्र ने भी मान्यता दी है।

इसके साथ साथ देश की आधिकारिक वेबसाइट बना दी गई है। यह अपने झंडे और बाकी सब चीजों के बारे में बात करता है। कैलाशकी कैलाशियन डॉलर नामक एक मुद्रा भी है।

रक्षा मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय जैसे अन्य मंत्रालय भी कंट्री में हैं। ऐसे में यदि आप भी अपने देश का निर्माण करना चाहते हैं तो आपको संयुक्त राष्ट्र के ज्यादा चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।

किसी भी देश के निर्माण के लिए कुछ अहम शर्तें होती हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह होती है कि देश की सीमाएं परिभाषित होनी चाहिए, अर्थात जहां से देश शुरू और खत्म होता है।

नया देश बनाने से पहले ये बात जरुर जान लें

सर्वप्रथम एक बात जान लेनी चाहिए कि विश्व के किसी भी हिस्से में आईलैंड खरीदा जा सकता है। मगर उसे एक अलग मुल्क के तौर पर उस तरह से मान्यता नहीं दी जा सकती है, जैसा नित्यानंद के केस में दावा किया जा रहा है। यदि कोई शख्स एक आईलैंड खरीदता भी है तो उस पर संबंधित राष्ट्र का नियम कानून लागू होता है. संबंधित शख्स आईलैंड का उपयोग एक प्रॉपर्टी के बतौर कर सकता है मगर वहां अपने नियम कायदे नहीं लागू कर सकता।

द्वीप किसी राष्ट्रीय सरकार द्वारा ही संचालित हो सकती है. कोई शख्स एक द्वीप खरीदकर उसे अपना अलग मुल्क बना लिए जाने का दावा नहीं कर सकता है. हालांकि इसके बाद भी कई अमीर लोग छोटे देश बनाने की कोशिश मे लगे हैं. नित्यानंद की भांति रियल स्टेट का मशहूर व्यापारी माइकल ओलिवर ने साउथ पैसिफिक ओसन में रिपब्लिक ऑफ मिनर्वा बनाने का क्लेम किया था।
 

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