Up Kiran, Digital Desk: जयपुर के मानसरोवर इलाके में स्थित नीरजा मोदी स्कूल में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब छठी कक्षा की एक छात्रा कथित तौर पर स्कूल की छठी मंजिल से गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल स्कूल समुदाय को सदमे में डाल दिया, बल्कि कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
पुलिस जांच में सामने आए नए तथ्य
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, घटनास्थल से पुलिस के पहुँचने से पहले स्कूल प्रशासन ने कथित तौर पर उस स्थान को धो डाला जहाँ लड़की गिरी थी। इसके कारण महत्वपूर्ण सबूतों के मिट जाने की आशंका जताई जा रही है। खून के हल्के निशान अभी भी वहाँ दिखाई दे रहे थे, लेकिन इसके बावजूद कथित रूप से उस स्थान को साफ करने की कोशिश ने पुलिस जांच को और जटिल बना दिया है।
क्या शिक्षकों का दबाव था मौत का कारण?
कुछ स्थानीय लोग और अभिभावक दावा कर रहे हैं कि लड़की अपने शिक्षकों के दबाव में थी, लेकिन यह दावा अभी तक पुष्टि नहीं हो पाया है। पुलिस ने अभी तक इस बात से इनकार नहीं किया है कि लड़की पर शैक्षणिक दबाव हो सकता था, जो उसके मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता था।
पुलिस ने मामले को आत्महत्या माना, लेकिन जांच जारी
जयपुर पुलिस ने इस घटना को संदिग्ध आत्महत्या माना है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या छात्रा की मौत किसी लापरवाही या बाहरी दबाव के कारण हुई है। पुलिस ने बताया कि लड़की खुद छठी मंजिल तक पहुंची थी, लेकिन यह सवाल अब भी कायम है कि उसने ऐसा क्यों किया।
स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे
यह घटना अब स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर रही है। अभिभावकों और स्थानीय समुदाय ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने घटनास्थल पर समय पर कार्रवाई नहीं की और सबूतों को छिपाने का प्रयास किया। इसके अलावा, यह भी सवाल उठ रहे हैं कि स्कूल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे थे।

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