
बिहार की सियासत में एक नया मोड़ आया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने आगामी 2025 विधानसभा चुनावों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। पार्टी का दावा है कि वह राज्य में एक मजबूत और भ्रष्टाचारमुक्त विकल्प देने के इरादे से चुनावी मैदान में उतर रही है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी ने पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार के लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी और रोजगार जैसे मुद्दों पर वोट दें, न कि जाति और धर्म की राजनीति पर। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी बिहार में दिल्ली और पंजाब की तरह ‘काम की राजनीति’ करना चाहती है।
आप नेता ने कहा, “हमने दिल्ली में स्कूल, अस्पताल और मूलभूत सुविधाओं में क्रांति लाई है। अब बिहार के लोग भी बदलाव चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है हर विधानसभा क्षेत्र में ईमानदार और कर्मठ उम्मीदवार खड़ा करना।”
पार्टी की इस घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर सत्ताधारी दल और विपक्षी गठबंधन के बीच रणनीतिक तैयारियां जोरों पर हैं, वहीं आम आदमी पार्टी का यह कदम त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना को भी जन्म दे रहा है।
AAP नेताओं ने बताया कि जल्द ही उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शुरू की जाएगी और जिलेवार संगठनात्मक ढांचे को और मज़बूती दी जाएगी। इसके लिए गांव-स्तर तक जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर AAP जमीनी स्तर पर प्रभावी प्रचार और संगठन खड़ा कर पाती है, तो वह बिहार के पारंपरिक सियासी समीकरणों को चुनौती दे सकती है।
अब देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी की यह रणनीति बिहार की जनता को कितना प्रभावित कर पाती है और क्या वह खुद को तीसरे मोर्चे के रूप में स्थापित कर पाएगी।
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