
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom‑4 मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में डॉकिंग (लगा) से पहले अपना पहला वीडियो संदेश भेजा है। इस संदेश में उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें वहाँ का माहौल अजीब लगा, लेकिन अब वह इस अनुभव का आनंद ले रहे हैं और “बच्चे की तरह” नई चीज़ें सीख रहे हैं ।
#WATCH | "Namaskar from space! I am thrilled to be here with my fellow astronauts. What a ride it was," says Indian astronaut Group Captain Subhanshu, who is piloting #AxiomMission4, as he gives details about his journey into space.
Carrying a soft toy Swan, he says, in Indian… pic.twitter.com/Z09Mkxhfdj
#WATCH | "Namaskar from space! I am thrilled to be here with my fellow astronauts. What a ride it was," says Indian astronaut Group Captain Subhanshu, who is piloting #AxiomMission4, as he gives details about his journey into space.
— ANI (@ANI) June 26, 2025
Carrying a soft toy Swan, he says, in Indian… pic.twitter.com/Z09Mkxhfdj
वीडियो में शुभांशु ने महसूस किया कि अंतरिक्ष में दैनिक जीवन का तरीका पूरी तरह अलग है। उपकरणों का संचालन, ऊँचाई‑ग्रहीय जीवन, और टीम के साथ तालमेल — ये सब उन्होंने आत्मसात किया। उन्होंने अपने संदेश में इसे “जीवन की एक बहुत बड़ी उपलब्धि” बताया और कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ यह भूमिका निभा रहे हैं ।
इस मिशन की कुछ प्रमुख जानकारी निम्नलिखित है:
डॉकिंग प्रक्रिया: शुभांशु और उनकी टीम ISS से लगभग 28 घंटे की उड़ान के बाद कुछ ही घंटों में डॉक होने वालि हैं ।
लॉन्च डेटा: Axiom‑4 मिशन को SpaceX की Falcon‑9 रॉकेट पर लांच किया गया था। शुभांशु ISS पर पहुँचने से पहले कई तकनीकी और वैज्ञानिक प्रशिक्षण से गुज़रे ।
वैज्ञानिक प्रयोग: शुभांशु की टीम ISS पर 14 दिनों तक रहेगी और सूक्ष्म‑गुरुत्व, पोषण, टार्डिग्रेड (जल भालू), फसल बीज जैसे विभिन्न प्रयोग करेगी। इनमें से सात प्रयोग विशेष रूप से ISRO और DBT द्वारा तैयार किए गए हैं ।
ऐतिहासिक महत्व: शुभांशु राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष की यात्रा कर रहे हैं। इससे भारत के मानव द्वारा अंतरिक्ष मिशन, खासकर गगनयान, के लिए अनुभव मिलेगा ।
शुभांशु शुक्ला का संदेश
वीडियो संदेश में उन्होंने कहा:
शुरुआत में मुझे अंतरिक्ष का अनुभव थोड़ा अजीब लग रहा था, लेकिन अब हम बच्चे की तरह सीख रहे हैं।
वह गर्व से कहते हैं कि मिशन पर भारतीय तिरंगा उनके कंधे पर रहा, और यह उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक है
--Advertisement--