
किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) में मंगलवार शाम को चतरू क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े 2–3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका के बाद सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। यह मुठभेड़ अमरोनाथ यात्रा मार्ग से कुछ दूरी पर स्थित घने जंगल में हुई, जहाँ सुरक्षा ने विशेष जांच अभियान चलाया था।
मुठभेड़ की घटनाक्रम
सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी संबंधी खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सेना, पुलिस और अर्धसैन्य बल संयुक्त रूप से चतरू के कांजल मंडू जंगल में तलाशी अभियान में जुटे।
जंगल में आतंकियों ने खुलकर फायरिंग शुरू कर दी, जिस पर सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ की स्थिति बन गई ।
सुरक्षा बलों की तैनाती
इस ऑपरेशन में ड्रोन, हेलीकॉप्टर और स्निफर डॉग्स समेत कई आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल हुआ, ताकि आतंकियों का पता लगाया जा सके और उन्हें घेरा जा सके।
अतिरिक्त जवानों को भी मौके पर बुलाया गया ताकि आतंकियों के भागने का रास्ता बंद हो सके ।
क्या है जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका?
जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन है, जिसकी स्थापना मसूद अजहर ने की थी और यह लद्दाख, दक्षिण कश्मीर, डोडा-जश्तवाड़ में सक्रिय मानी जाती है। इस संगठन ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर और URI, पठानकोट जैसे बड़े आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है ।
माहौल और सुरक्षा उपाय
यह मुठभेड़ अमरोनाथ यात्रा से पहले हुई, जिसे देखते हुए वहाँ सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है । उधर, LoC पर भी हाल में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा भड़काने की कोशिशें सामने आई हैं — एक पाकिस्तानी गाइड पिछले महीने पकड़ा गया था, जिसने आतंकियों को अंतर-सरहद पार कराने में मदद की योजना बनाई थी ।
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