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राजस्थान के कई जिलों में शुक्रवार को मौसम ने अचानक रुख बदला और तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश ने दस्तक दी। इस बदलते मौसम का सबसे बड़ा असर चूरू जिले में देखने को मिला, जहां पंडित प्रदीप मिश्रा की धार्मिक कथा के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। तेज हवाओं के चलते कथा स्थल पर लगा विशाल पंडाल गिर गया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
बिना प्रशासनिक अनुमति के हो रहा था आयोजन
इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने बताया कि यह धार्मिक आयोजन जिला प्रशासन की अनुमति के बिना किया जा रहा था। आयोजन से पहले जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने स्थल का दौरा किया था और आयोजकों को सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश भी दिए थे। लेकिन इन निर्देशों को नजरअंदाज किया गया। न तो पंडाल की मजबूती सुनिश्चित की गई, न ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के उपाय किए गए।
कथा स्थल पर हजारों की भीड़, तीन घायल
कथा सुनने के लिए लगभग 15 हजार श्रद्धालु मैदान में मौजूद थे। अचानक तेज हवाएं चलीं और देखते ही देखते पंडाल गिर गया। इस हादसे में एक पुरुष, एक महिला और एक बच्चा घायल हो गए। तीनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने बताया कि घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन घटना में गंभीर चोटें आई हैं।
सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी बनी हादसे की वजह
रतनगढ़ थाना प्रभारी अनिल कुमार के अनुसार आयोजकों ने पुलिस और प्रशासन द्वारा तय की गई सुरक्षा व्यवस्था का पालन नहीं किया। आयोजन स्थल पर कोई ठोस सुरक्षा इंतजाम नहीं थे, न ही मौसम को लेकर सतर्कता बरती गई। पुलिस अधिकारियों का यह भी कहना है कि आयोजन के लिए मैदान में कोई अनुमति नहीं दी गई थी, फिर भी कथा शुरू कर दी गई।
हादसे के बाद रद्द हुआ कार्यक्रम, जांच के आदेश
हादसे के तुरंत बाद आयोजन स्थल को खाली करवा लिया गया और शेष कथा को रद्द कर दिया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह देखा जा रहा है कि आयोजन किसके निर्देश पर और किन परिस्थितियों में किया गया था। साथ ही, यह भी जांच हो रही है कि आयोजकों ने सुरक्षा उपायों की अनदेखी क्यों की।