Up Kiran, Digital Desk: बिजली चोरी, एक ऐसी समस्या है जो न केवल बिजली वितरण कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान पहुँचाती है, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं पर भी बोझ डालती है और आपूर्ति की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए, अडाणी इलेक्ट्रिसिटी ने कमर कस ली है। कंपनी ने घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2025 (FY25) में वह बिजली चोरी के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज़ करेगी।
अडाणी इलेक्ट्रिसिटी, जो मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करती है, ने पिछले कुछ समय से बिजली चोरी रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन कदमों में तकनीकी निगरानी, सूचना तंत्र को मज़बूत करना और फील्ड स्तर पर टीमें तैनात करना शामिल है। इन प्रयासों के अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं, लेकिन कंपनी अब इन कोशिशों को एक नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में है।
FY25 में क्या है रणनीति?
सख्त कार्रवाई: कंपनी अब बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ और भी सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी। इसमें बड़े जुर्माने और आपराधिक मुकदमे शामिल हो सकते हैं।
उन्नत तकनीक का इस्तेमाल: स्मार्ट मीटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बिजली चोरी के हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी और चोरी के पैटर्न को समझा जाएगा।
जन जागरूकता अभियान: लोगों को बिजली चोरी के नुकसान और इसके कानूनी परिणामों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।
फील्ड टीम का विस्तार: अधिक टीमों को चोरी का पता लगाने और उस पर कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित और तैनात किया जाएगा।
कंपनी का मानना है कि बिजली चोरी पर लगाम लगाने से न केवल राजस्व में सुधार होगा, बल्कि सभी उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय और सस्ती बिजली आपूर्ति भी मिल पाएगी। यह पहल भारत सरकार के 'सभी के लिए बिजली' के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायक होगी।
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